संक्रमण, जांच और ऑक्सीजन में उलझी मरीजों की जान
- संक्रमण के चलते अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की किल्लत बनी हुई है। - जांच रिपोर्ट में देरी भी बन रह
- संक्रमण के चलते अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की किल्लत
- जांच रिपोर्ट में देरी भी बन रही भर्ती न कर पाने की वजह केस एक : मिश्री बाजार निवासी 60 वर्षीय परवेज नाज की दोनों किडनी खराब हैं। डायलिसिस के चलते उनका इलाज होता है। मंगलवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर स्वजन उर्सला अस्पताल पहुंचे। जहां पर स्टाफ और डॉक्टरों ने ऑक्सीजन की कमी बताते हुए उन्हें लौटाया। स्वजनों के मुताबिक कई अस्पताल जाकर देख लिया हर कोई भर्ती करने से मना कर रहा है।
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केस दो : श्याम नगर निवासी 32 वर्षीय अजय को सीने में दर्द की शिकायत होने पर पिता मदन कुमार उर्सला इमरजेंसी लेकर पहुंचे। अस्पताल में बेड नहीं होने और ऑक्सीजन की कमी के चलते उन्हें भर्ती नहीं किया गया। निराश पिता बेटे को लेकर दूसरे अस्पताल चल दिए।
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केस तीन : शुक्लागंज निवासी अलका का गर्भपात हो गया। ई-रिक्शा चालक पति रामबाबू तीन वर्षीय बेटे के साथ उर्सला अस्पताल में पत्नी के उपचार को पहुंचे। यहां पर कोविड की आरटीपीसीआर जांच लाने का कहकर लौटा दिया गया। जागरण संवाददाता, कानपुर : शहर में आए दिन बढ़ रहे कोविड संक्रमण के मामलों के बीच अस्पतालों की स्थिति भी दयनीय होती जा रही है। संक्रमण के प्रकोप, जांच और ऑक्सीजन की कमी के चलते प्रतिदिन दर्जनों मरीजों की जान जोखिम में पड़ रही है। आपदा के दौर में प्राइवेट अस्पतालों का खर्च नहीं उठा पाने वाले तीमारदार मरीजों को लेकर सरकारी अस्पतालों की ओर भाग रहे हैं। जहां पर उन्हें आश्वासन देकर बेरंग लौटाया जा रहा है। स्टाफ और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने बताया कि इमरजेंसी में ऑक्सीजन और बेड खाली नहीं हैं। ऐसे में मरीजों को भर्ती करने की स्थिति नहीं बन रही है।