नवरात्र : घरों में सजे माता रानी के दरबार, आज होगी घटस्थापना
जगत जननी मां जगदंबा की आराधना का पर्व आज से शुरू हो रहा है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : जगत जननी मां जगदंबा की आराधना का पर्व आज से शुरू हो रहा है। संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के बीच सज रहे मंदिरों में श्रद्धालुओं को कोविड प्रोटोकॉल के तहत प्रवेश दिया जाएगा। एक बार में अधिकतम पांच श्रद्धालु ही पूजन-अर्चन कर सकेंगे। फल-फूल और प्रसाद चढ़ाने पर पाबंदी होगी। धर्मगुरुओं ने भी लोगों से घरों में ही रहकर मैया का पूजन-अर्चन करने की अपील की है। - घट स्थापना का मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के मुताबिक घट स्थापना के लिए प्रात: वेला शुभ मानी जाती है। इस बार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 12 अप्रैल को प्रात: 6.59 बजे लग रही है जो 13 को सुबह 8.47 बजे तक रहेगी। अत: 13 को प्रात: 5.43 बजे से 8.47 बजे के बीच घट स्थापना करनी चाहिए।
ये है पूजन विधान
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि विशेष पर प्रात: नित्य कर्मादि-स्नानादि कर हाथ में गंध -अक्षत-पुष्प जल लेकर संकल्पित होकर ब्रह्मा जी का आह्वान करना चाहिए। फिर आगमन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, यज्ञोपवीत, गंध, अक्षत-पुष्प, धूप- दीप, नैवेद्य-ताबूल, नमस्कार-पुष्पाजलि व प्रार्थना आदि उपचारों से पूजन करना चाहिए। नवीन पंचाग से नववर्ष के राजा, मंत्री, सेनाध्यक्ष, धनाधीप, धान्याधीप, दुर्गाधीप, संवत्सर निवास और फलाधीप आदि का फल श्रवण करना चाहिए। निवास स्थान को ध्वजा-पताका, तोरण-वंदनवार आदि से सुशोभित करना चाहिए। सख्ती से होगा कोविड गाइडलाइन का पालन
कोविड संक्रमण को लेकर सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन कर देवी मंदिरों में सख्ती से पालन कराया जाएगा। बारा देवी, तपेश्वरी देवी, जंगली देवी, बुद्धा देवी, काली मठिया सहित अन्य मंदिरों में इसके लिए बैरिकेडिंग कर दी गई है। तपेश्वरी देवी मंदिर के पुजारी शिवमंगल ने बताया कि महिलाओं और पुरुष भक्तों को अलग-अलग लाइनों से सीमित संख्या में प्रवेश दिया जाएगा। मास्क लगाना अनिवार्य होगा। जंगली देवी मंदिर के विजय पुजारी ने बताया कि मंदिर में एक बार में सिर्फ पांच श्रद्धालुओं को प्रवेश कर सकेंगे। भक्त फल, फूल, प्रसाद, माला नहीं चढ़ाएंगे। अलग-अलग द्वार वे प्रवेश व निकासी होने के साथ पुलिस बल द्वारा शारीरिक दूरी का पालन कराया जाएगा। मंदिरों में रात्रि कर्फ्यू को लेकर प्रात:काल आरती और भोर आरती के समय में भी परिवर्तन किया गया है। ताकि भक्तगण समय से घरों पर पहुंच सकें। नवरात्र के पहले दिन सपरिवार घर में ही पूजन अर्चन करेंगे। संक्रमण के बढ़ते असर को देखते हुए सीमित संख्या में ही भक्त मंदिर जाएं तो बेहतर रहेगा।
- अर्पिता भदौरिया, गृहणी कल्याणपुर।
------ प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी घर में मां का दरबार सजाएंगे। मंदिरों में जो श्रद्धालु जाएं वे कोविड गाइलाइन का पालन जरूर करें।
- अर्चना श्रीवास्तव, शिक्षक आवास विकास। पवित्र मन से मां की आराधना करने से समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। कोविड के कारण पिछले वर्ष की तरह घर में ही मां का पूजन सपरिवार करेंगे।
- जूही झा, गृहणी, मकड़ीखेड़ा।