सपा शासनकाल में दर्ज कराए गए मुकदमे में कन्नौज सांसद समेत सभी आरोपित बरी, पढ़िए- क्या था मामला
BJP MP Subrat Pathak Acquited सपा शासनकाल में अक्टूबर 2015 को लिखाया गया था मुकदमा। मामले में होमगार्ड रामशरण ने आरोपितों को पहचानने से इन्कार कर दिया। पुलिस घटना से संबंधित साक्ष्य भी प्रस्तुत नहीं कर पाई और न ही कोई गवाह मिला।
कन्नौज, जेएनएन। BJP MP Subrat Pathak Acquited सपा शासनकाल में हुए दंगे के दौरान पुलिस की बाइक लूट के मामले में सांसद सुब्रत पाठक समेत सभी आरोपितों को कोर्ट ने बरी कर दिया। इस मामले में पुलिस ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाई, जिस पर अपर सत्र न्यायाधीश ने सभी को बरी कर दिया।
गुरुवार को शासकीय अधिवक्ता तरुण चंद्रा व यतेंद्र पाल सिंह ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश कासिफ शेख ने साक्ष्यों के अभाव में सांसद सुब्रत पाठक व उनके सहयोगी अजीत उर्फ पप्पू, सौरभ कटियार, कन्हैयालाल, रामजी मिश्रा, लालू यादव, अमित उर्फ अल्टर, नितिन दुबे, प्रमोद कुमार, उमेश बाथम, रामू यादव, अरविंद उर्फ मोटू, विक्रम त्रिपाठी, अवधेश राठौर, पुष्कर मिश्रा, दुल्ली अग्निहोत्री उर्फ संदीप, राहुल कुशवाहा को पुलिस की बाइक लूटने के मामले में बरी कर दिया है। फैसले के बाद सांसद ने कहा कि न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था। सच्चाई की जीत हुई है।
ये था मामला: 23 अक्टूबर 2015 को सदर कोतवाली के हेड कांस्टेबल राशिद हुसैन ने मुकदमा दर्ज कराया था कि वह होमगार्ड रामशरण के साथ रात में कलां चौकी क्षेत्र में गश्त कर रहे थे। सुबह करीब साढ़े तीन बजे सुब्रत पाठक ने अपने 20-25 साथियों के साथ घेर लिया तथा सरकारी रायफल छीनने का प्रयास किया। इसके बाद सरकारी चीता बाइक लूट ले गए। पुलिस ने तीन दिन बाद बाइक बरामद कर ली थी। इस मामले में होमगार्ड रामशरण ने आरोपितों को पहचानने से इन्कार कर दिया। पुलिस घटना से संबंधित साक्ष्य भी प्रस्तुत नहीं कर पाई और न ही कोई गवाह मिला, जिसके आधार पर कोर्ट ने सभी को बरी कर दिया।