World Obesity Day 2021: लाइफस्टाइल में ये 05 बदलाव तेजी घटाएंगे फैट, जानिए - एक्सपर्ट्स की राय
World Obesity Day 2021 विश्व मोटापा दिवस पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की वैज्ञानिक गोष्ठी में दी गई जानकारी। पेट की चर्बी के एडिपोसाइट्स (फैट सेल्स) टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन को इस्ट्रडाया हार्मोन में बदल देते हैं। इससे उम्र के साथ रक्त में फ्री-टेस्टोरिस्टारॉन हार्मोन की मात्रा कम होने लगती है ।
कानपुर, [जागरण स्पेशल]। World Obesity Day 2021 भागदौड़ और व्यस्तता भरे जीवन में हम अक्सर अपने शरीर पर उतना ध्यान नहीं दे पाते, जितना कि आवश्यक होता है। जैसै-जैसे हमारी दिनचर्या में व्यस्तता और तनाव बढ़ता है वैसे-वैसे हम बीमारियों के घेरे में आने लगते हैं। शायद यही कारण है कि संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से हम विमुख हो जाते हैं। सुबह ऑफिस या कॉलेज, दोपहर में बाहर कुछ भी खा लेना, शाम को घर अौर रात में भोजन के बाद असमय नींद आना...यदि आप भी ऐसा ही शेड्यूल फॉलो करते हैं तो सतर्क हो जाएं। इस श्रेणी में पुरुषों को तो खासी सतर्कता बरतने की जरूरत है। क्योंकि फिटनेस पर ध्यान देने के मामले में करने में कुछ पुरुष महिलाओं की अपेक्षा सुस्त होते हैं। लेकिन बुजुर्ग, बच्चें, पुरुष या महिलाएं सभी को मोटापे से बचने की आवश्यकता है क्योंकि इसका मधुमेह और हार्ट की बीमारियों के साथ घातक कॉम्बिनेशन है।
विभिन्न रिसर्चेस में सामने आईं ये बातें -
मोटापा जो कि आज के समय में हर दूसरे व्यक्ति की समस्या है, खासकर बच्चों में। अब ये क्यों है इसकी कोई एक ठोस वजह नहीं है, बल्कि इसकी कई प्रमुख वजहें हैं। जिनके बारे में हम आपको पहले ही बता चुके हैं। बच्चों में जंक फूड खाने की प्रवृत्ति ही उन्हें मोटापे के करीब ले जाती है। पुरुषों के पेट पर जमी चर्बी (बैलीफैट) घातक है। पेट की चर्बी के एडिपोसाइट्स (फैट सेल्स) टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन को इस्ट्रडाया हार्मोन में बदल देते हैं। इससे उम्र के साथ रक्त में फ्री-टेस्टोरिस्टारॉन हार्मोन की मात्रा कम होने लगती है और इस्ट्राजॉन और इंसुलिन का स्तर बढऩे लगता है। इस वजह से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इसकी पुष्टि विभिन्न शोधों में हुई है।
विशेषज्ञों की राय
- विश्व मोटापा दिवस पर आइएमए भवन परेड में हुई प्रेसवार्ता में वल्र्ड ओबेसिटी फेडरेशन से संबद्ध ऑल इंडिया एसोसिएशन फॉर एडवाजिंग रिसर्च इन ओबेसिटी के यूपी चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. रघुवीर माथुर ने बताया, फ्री-टेस्टोरिस्टारॉनहार्मोन की मात्रा कम होने से कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हृदय रोग, डिप्रेशन, डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) की संभावना छह गुना बढ़ जाती है।
- न्यूट्रिशन व वेट लॉस कंसलटेंट डॉ. शिप्रा माथुर ने बताया कि 10-15 फीसद चर्बी घटाने से हृदय रोग एवं डायबिटीज की संभावना 45 फीसद तक कम होती है। वजन घटना वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जो डॉक्टर व आहार विशेषज्ञ के निर्देशन में होनी चाहिए ताकि वह शरीर की जरूरतों को समझते हुए कर सकें। वेट लॉस के दौरान संतुलित आहार लेना चाहिए, ताकि पोषण तत्व न कम होने पाएं। नाश्ता, दोपहर व रात के भोजन में अनाज, फल व सब्जियों का पर्याप्त मात्रा में सेवन करना चाहिए। इस दौरान आइएमए अध्यक्ष डॉ. नीलम मिश्रा, सचिव डॉ. दिनेश सचान, डॉ. बृजेंद्र शुक्ला मौजूद रहे।
मोटापे व मधुमेह से मुक्ति दिलाए बैरियाट्रिक सर्जरी
लेप्रोस्कोपिक एवं बैरियाट्रिक सर्जन डॉ. शिवांशु मिश्रा ने बताया कि मोटे लोगों के लिए बैरियाट्रिक सर्जरी वरदान है। इसके जरिए न सिर्फ मोटापे से मुक्ति पा सकते हैं, बल्कि डायबिटीज, हृदय रोग, हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर, अर्थराइटिस और बांझपन की समस्या भी काबू कर सकते हैं। अब दूरबीन विधि से बिना साइड इफेक्ट के इस सर्जरी को किया जाता है। पुरुषों में कमर की साइज 102 सेमी से अधिक और महिलाओं में 88 सेमी से अधिक खतरनाक है।
इन नुस्खों को अपनाकर मोटापा और मधुमेह पर पाएं नियंत्रण
- चीनी का सेवन कम करना।
- आहार में स्वस्थ सब्जियां, दलिया और फल शामिल करें।
- व्यायाम करना जो ग्लूकोज के स्तर को काफी हद तक नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
- चाय, कॉफी और सॉफ्टड्रिंक की अपेक्षा ग्रीन का सेवन करें।
- सुबह नाश्ते में ड्राई फ्रूट और नट्स का सेवन करें।