28 माह से वेतन न मिलने और तबादला होने के कारण तबीयत बिगडऩे से लाल इमली के सेफ्टी अफसर की मौत, कर्मियों ने लगाया जाम
कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि पिछले 15 दिन में दो अन्य कर्मचारियों की भी मौत हो चुकी है लेकिन मिल कर्मचारी हितों की ओर ध्यान नहीं दिया है। अनूप सिंह यादव के परिवार में उनके पिता अमर सिंह पत्नी नीलम बेटा अखंड प्रताप व बेटी अपूर्व सिंह है।
कानपुर, जेएनएन। काकादेव में रहने वाले लाल इमली के 48 वर्षीय सेफ्टी अफसर अनूप सिंह यादव का गुरुवार को दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया। अन्य कर्मचारियों की तरह उन्हेंं भी पिछले 28 माह से वेतन नहीं मिला था। स्वजन का आरोप है कि वेतन ना मिलने और 2 दिन पूर्व तबादला किए जाने से अनूप की तबीयत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई। शुक्रवार दोपहर उनके स्वजनों के साथ सैकड़ों कर्मचारियों ने लाल इमली चौराहे पर शव रखकर जाम लगा दिया। सूचना पर पुलिस पहुंची और शव को किनारे करवा कर कर्मचारियों को समझाने की कोशिश कर रही है।
कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि पिछले 15 दिन में दो अन्य कर्मचारियों की भी मौत हो चुकी है लेकिन मिल कर्मचारी हितों की ओर ध्यान नहीं दिया है। अनूप सिंह यादव के परिवार में उनके पिता अमर सिंह पत्नी नीलम बेटा अखंड प्रताप व बेटी अपूर्व सिंह है। वेतन ना मिलने के कारण बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है। बेटे अखंड प्रताप ने बताया कि 2 दिन पहले पिताजी का लाल इमली में ही अन्य डिपार्टमेंट में तबादला कर दिया गया अतिरिक्त जिम्मेदारियां दे दी गई। पिताजी रोजाना काम पर जा रहे थे। गुरुवार को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्हेंं अस्पताल ले जाया गया जहां उनका निधन हो गया। इधर कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी राजू ठाकुर व अजय सिंह ने बताया कि प्रबंधन की तानाशाही के चलते अनूप सिंह की तबीयत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई।
400 से ज्यादा कर्मचारी 28 माह से वेतन का इंतजार कर रहे
लाल इमली मिल के 400 से ज्यादा कर्मचारी 28 माह से वेतन का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन मिल प्रबंधन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। मिल प्रबंधन के लोग वार्ता के लिए भी आगे नहीं आ रहे हैं। इसीलिए अनूप के शव को लाल इमली चौराहे पर लाकर विरोध प्रदर्शन करना पड़ा। कर्नलगंज थाना प्रभारी देवेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि लाल इमली मिल के एक कर्मचारी की मौत हुई है, जिसके विरोध में कर्मचारियों ने लाल इमली चौराहे पर जाम लगाकर हंगामा किया है। उन्हेंं समझाने की कोशिश की जा रही है। साथी मिल प्रबंधन से भी वार्ता कराने की कोशिश की जा रही है।