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Kanpur Police Encounter: पुलिस के लिए बड़ा सवाल, आखिर कहां गया विकास दुबे

तत्कालीन भाजपा राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड के बाद मध्यप्रदेश मुंबई और कोलकाता में फरारी काटी थी पुलिस ने अब मोस्टवांटेड विकास दुबे पर एक लाख का इनाम घोषित कर दिया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 11:53 AM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 11:53 AM (IST)
Kanpur Police Encounter: पुलिस के लिए बड़ा सवाल, आखिर कहां गया विकास दुबे
Kanpur Police Encounter: पुलिस के लिए बड़ा सवाल, आखिर कहां गया विकास दुबे

कानपुर, जेएनएन। विकास दुबे कहां गया होगा, कोलकाता या औरैया के रास्ते मध्यप्रदेश या फिर एमपी होते हुए मुंबई? पुलिस इस सवाल को मथ ही रही है, विकास दुबे के मोबाइल की आखिरी लोकेशन औरैया में मिलने के बाद ग्रामीण भी यही कयास लगा रहे हैैं। अपने पुराने अनुभव से ग्रामीणों का कहना है कि विकास दुबे को एमपी, मुंबई और कोलकाता में शरण मिल सकती है। वर्ष 2001 में तत्कालीन राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की शिवली थाने में हत्या के मामले में विकास ने ग्वालियर और कोलकाता में फरारी काटी थी। कानपुर पुलिस अधिकािरयों ने सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या में अपराधी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर पचास हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर दिया है और मोस्टवांटेड अपराधी की सूची में शामिल किया है। 

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औरैया की तरफ जाने के दो कारण

विकास के औरैया की तरफ जाने के दो कारण बताए जा रहे हैैं। एक, गांव का भूगोल और दूसरा मध्यप्रदेश जाने का आसान रास्ता मिलना। गांव से बाहर निकलने के केवल दो रास्ते हैैं। उसके घर के मुख्य द्वार से गाड़ी से निकलें तो शिवली क्रासिंग की तरफ मुख्य मार्ग पर जाना होगा। बाइक या पैदल निकलें तो घर के पीछे से 700 मीटर दूर पगडंडी पर चलकर पांडु नदी पहुंचना होगा। लकड़ी का कच्चा पुल शिवली कस्बे को जोड़ता है। एक बाइक पर दो लोग यह पुल पार कर सकते हैैं।

पैरों में स्टील की रॉड होने से धीरे चलता है विकास

घटना के बाद मुख्य मार्गों पर पुलिस मूवमेंट बढऩे पर उधर से निकलना खतरे भरा था, इसलिए विकास घर के पीछे से किसी के साथ बाइक पर निकला होगा। दोनों पैर में स्टील की रॉड पड़ी होने से वह धीमे ही चल पाता है। चूंकि शिवली में उसका बहनोई दिनेश तिवारी और कई शागिर्द रहते हैैं, इसलिए गाड़ी का इंतजाम कर बेला-बिधूना निकलना आसान रहा होगा। इस रास्ते पर रात में पुलिस मूवमेंट और भारी वाहन की आवाजाही, दोनों कम होने का फायदा मिला होगा। औरैया में मोबाइल बंद कर वह वाया इटावा ग्वालियर की तरफ निकला होगा। पूर्वांचल के अपराधियों से अच्छे संबंध के चलते एमपी में भी उसके मजबूत संबंध हैैं। यहां से महाराष्ट्र जाना भी आसान है, इसलिए विकास का मध्यप्रदेश जाना ज्यादा संभावित है। राज्यमंत्री संतोष शुक्ल हत्याकांड के बाद भी उसने मध्यप्रदेश में ही लंबी फरारी काटी थी। उसके मुंबई और कोलकाता में भी फ्लैट बताए जाते हैैं।


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