Coronavirus : कानपुर का पहला कोविड 19 संक्रमित बुजुर्ग मरीज में सुधार, दूसरी रिपोर्ट आई निगेटिव
इएनटी सर्जन की मां की मौत के दूसरे दिन आई रिपोर्ट में कोराना वायरस की पुष्टि न होने पर टीम ने राहत की सांस ली है।
कानपुर, जेएनएन।[Kanpur coronavirus positive] लखनऊ केजीएमयू से जांच रिपोर्ट आने के बाद शहर में सात तब्लीगी जमातियों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने से जहां एक ओर स्वास्थ्य महकमे और प्रशासन के माथे पर बल पड़ गए हैं, वहीं दूसरी ओर एक राहत भरी खबर भी मिली है। अमेरिका से लौटने के बाद कोरोना संक्रमित पाए गए बुजुर्ग की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। कोरोना संक्रमण से बुजुर्ग के ठीक होने पर सीएमओ ने पूरी टीम को बधाई देते हुए खुशी जताई है। वहीं करोना संदिग्ध ईनटी सर्जन की मां की मौत के बाद रिपोर्ट निगेटिव आई है यानि उनमें भी कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं था।
शहर में मिला था पहला मरीज
मैनावती मार्ग की एनआरआई सिटी डायमंड ब्लॉक निवासी 70 वर्षीय विजय नारायण राय और उनकी पत्नी अमेरिका के एरिजोना में रहने वाले बेटे के पास गए थे। वहां से 18 मार्च को लौटकर शहर आए थे। उन्होंने इसकी जानकारी किसी को नहीं दी थी। सूचना मिलने के बाद 24 मार्च को स्वास्थ्य टीम परीक्षण के लिए गई थी तो बुजुर्ग ने इनकार कर दिया था। बाद में स्वास्थ्य टीम दबाव बनाकर बुजुर्ग दंपती को जबरन अस्पताल ले आई थी।
सैंपल की जांच रिपोर्ट आने पर बुजुर्ग में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया था, जबकि उनकी पत्नी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। शहर में पहला मरीज मिलने से अफरा तफरी मच गई थी और बुजुर्ग को कोविड 19 के आइसोलशन वार्ड में रखा गया था। वहीं उनके परिवार के चार सदस्यों की भी जांच कराई गई थी, जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इसके बाद भी बुजुर्ग के परिवार के सभी सदस्यों को क्वारंटाइन किया गया था।
दस दिन बाद रिपोर्ट निगेटिव आने से खुशी
शहर के पहले कोरोना संक्रमित बुजुर्ग मरीज की दूसरी जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ला ने पूरी टीम को बधाई दी है। उनकी निगरानी जिला महामारी वैज्ञानिक डॉ. देव सिंह और उर्सला के सीएमएस डॉ. शैलेंद्र तिवारी कर रहे हैं। दूसरा नमूना भेजने से पहले एक्स-रे कराया गया, जिसमें फेफड़े पूरी तरह सुरक्षित पाए गए थे। बुधवार को दोबारा थ्रोट और नेजल स्वाब लेकर जांच के लिए भेजा गया था। लखनऊ केजीएमयू से रिपोर्ट निगेटिव आई है यानि उनमे कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं मिला है। बुजुर्ग के ठीक होने पर टीम में खुशी है।
ईएनटी सर्जन की मां की भी रिपोर्ट निगेटिव
चकेरी क्षेत्र के सदानंद नगर निवासी मान सिंह की 57 वर्षीय पत्नी प्रवेश कुमारी को सांस लेने में तकलीफ होने पर 29 मार्च को ईएनटी सर्जन पुत्र डॉ. योगेन्द्र ने हैलट इमरजेंसी में भर्ती कराया था। वह आइसीयू में मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. ब्रजेश कुमार की यूनिट में भर्ती थीं।
कोरोना वायरस का संदिग्ध मानकर उनका सैंपल जांच के लिए लखनऊ भेजा गया था लेकिन रिपोर्ट आने से पहले उनकी मौत हो गई थी। इसपर स्वास्थ्य महकमे ने पूरा एतिहात बरतते हुए उनकी बॉडी को पैक करके परिजनों काे उसे न खोलने की हिदायत देते हुए अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया था। हालांकि उनकी रिपोर्ट को लेकर संशय बना था लेकिन शुक्रवार की शाम उनकी रिपोर्ट निगेटिव आने पर डॉक्टरों ने राहत की सांस ली है।
बेटे ने लगाया लापरवाही का आरोप
ईएनटी सर्जन डॉ. योगेन्द्र सिंह चौहान की 57 वर्षीय मां प्रवेश कुमारी की मौत के दूसरे दिन आई जांच रिपोर्ट में कोरोना का संक्रमण नहीं मिला। उनके बेटे का आरोप है कि कोरोना के चक्कर में मां के इलाज में लापरवाही बरती गई। उन्हें जिस इलाज की जरूरत थी, वह नहीं दिया गया। हद तो यह है कि उन्हें मेडिसिन आइसीयू से हटाकर आइसोलेशन वार्ड भेज दिया।
आपत्ति करने के बाद कोविड-19 आइसीयू में शिफ्ट कराया गया। बेटे डॉ. योगेन्द्र ने बताया कि बुजुर्ग होने के साथ फेफड़े में इन्फेक्शन के कारण डॉक्टर कोरोना वायरस का संदेह जता रहे थे और इलाज से भी कतरा रहे थे। इस बारे में हैलट के प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या का कहना है कि झमरजेंसी इयूटी के कंराल्टेंट और जूनियर रेजीडेन्ट को हर मरीज का परीक्षण और डायम्नोसिस ठीक से बनाने के आदेश दिया है। इस मामले में लापरवाही पर सभी को चेतावनी दी जाएगी।