Lockdown : सुबह खुलने वाली दुकानाें के लिए जारी हो सकती एडवाइजरी, होम डिलीवरी पर भी चल रहा मंथन
जिलाधिकारी ने अफसरों के साथ बैठक करके रणनीति बनाई लेकिन अभी खाका नहीं खींचा जा सका है।
कानपुर, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद बुधवार को लॉक डाउन शहर में खासा असरदार दिखाई दिया। सुबह 11 बजे तक दुकानें खुलीं और लोग खरीदारी करने के बाद घरों के अंदर हो गए। लेकिन दुकानों पर खरीदारी के समय लोग बेपरवाह नजर आए और एक मीटर की दूरी रखने का पालन नहीं कर सके। ऐसे में प्रशासन अब दुकानदारों के लिए एडवाइजरी जारी कर सकता है और होम डिलीवरी पर भी मंथन कर रहा है।
दुकानों पर एक मीटर की दूरी का पालन नहीं
लॉक डाउन के दौरान अब घर-घर जरूरत का सामान पहुंचाया जाएगा। बुधवार को सुबह चार बजे से सुबह 11 बजे तक सब्जी, राशन, दूध, अंडा, मांस, मछली आदि की दुकानें खुलीं। मेडिकल स्टोर और पेट्रोल पंप भी खुले। इस दौरान लोग एक मीटर की दूरी नहीं बना सके। इन सीाी बातों को देखते हुए अब प्रशासन नई रणनीति तैयार कर रहा है, इसके लिए बुधवार को अफसरों की बैठक में काफी देर तक मंथन चलता रहा है।
होम डिलीवरी की रणनीति बना रहा प्रशासन
दुकानों पर लोगों की बेपरवाही को देखते हुए प्रशासन एक साथ किसी भी दुकान पर दो से अधिक लोग सामान लेने नहीं जाने अथवा दुकानदारों के ग्राहकों को एक मीटर की दूरी पर खड़ा करने आदि बचाव से जुड़ी बातों की एडवाइजरी जारी कर सकता है। डीएम डॉ. ब्रrादेव राम तिवारी ने अफसरों की बैठक करके जरूरत के सामान की होम डिलीवरी कैसे करानी है इसकी रणनीति बनाई लेकिन पूरा खाका नहीं खींचा जा सका। जिलाधिकारी का कहना है कि अभी शासन से पूरा प्लान आना है। इसके बाद ही होम डिलीवरी का पूरा खाका तैयार होगा। लोगों को परेशानी न हो, इसलिए न तो दूध विक्रेता घर-घर जाने से रोके जाएंगे और न ही ठेले पर सब्जी बेचने वाले लोग। पेट्रोल पंप भी दिन भर खुले रहेंगे, लेकिन कई वाहन चालक एक साथ पेट्रोल लेने नहीं जा सकेंगे।
प्रशासन के सामने क्या आ रही समस्या
लॉक डाउन होते ही जिले की सीमा को सोमवार को सील कर दिया गया था। इसके बाद बाहर से दूध, ब्रेड आदि सामग्री, सब्जी व फल नहीं आ पा रहे थे, लेकिन अब तय किया गया कि जरूरी सामानों की आपूर्ति करने वाले वाहन दूसरे जिले से बिना रोक टोक आने दिए जाएंगे। प्रत्येक वाहन का पास बनाया जाएगा। फिलहाल प्रशासन यह मान रहा है कि घर-घर जरूरी सामान पहुंचा पाने की स्थिति में नहीं है। यदि कर्मचारी, वाहन आदि तय हो जाते हैं और होम डिलीवरी की रूपरेखा बनाकर तुरंत उन्हें रवाना कर दिया जाएगा। घर-घर दूध पहुंचाने वालों को भी परिचय पत्र देने की तैयारी है ताकि पुलिस आदि डिलीवरी देने वालों को न रोके।