बारिश में न हो जलभराव, शुरू हुई नाला सफाई
बारिश में शहर की सड़कें नाले के रूप में न बदल जाएं इसलिए नगर निगम ने सफाई शुरू करा दी है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : बारिश में शहर की सड़कें नाले के रूप में न बदल जाएं, इसलिए नगर निगम ने अभी से नाला सफाई शुरू कर दी है। शहर के सबसे बड़े सीओडी और सीसामऊ नाले की नगर निगम ने सफाई शुरू भी करा दी है और इसी सप्ताह रफाका नाला पर भी सफाई शुरू हो जाएगी।
अभियंत्रण विभाग के 196 बड़े और स्वास्थ्य विभाग के करीब साढ़े सात सौ छोटे नाले हैं। इनकी सफाई हर वर्ष मुसीबत बनती है। कई बार तो नालों की सफाई उस समय शुरू होती है जब बारिश शुरू होने वाली होती है। इसकी वजह से नालों से निकाली गई सिल्ट उठ भी नहीं पाती और बारिश हो जाती है। इसके चलते नालों के बाहर रखी सिल्ट फिर बह कर नालों में चली जाती है और उसे अगले वर्ष निकालना पड़ता है। इन हालात से निपटने के लिए नगर आयुक्त ने इस वर्ष नाला सफाई का कार्य अलग से तैयार किया। इसमें पहले चरण में सबसे बड़े नालों में से सीसामऊ नाला और सीओडी नाला की सफाई शुरू हो गई है। नालों के किनारे कई ट्रक सिल्ट फैली पड़ी है। सीसामऊ नाले से निकाली गई सिल्ट आधी सड़क पर फैला दी गई है इसके चलते वाहन चालकों को निकलने के लिए जूझना पड़ रहा है। रफाका नाला दो वर्ष पहले ओवरफ्लो हो गया था जिसकी वजह से कई बस्तियों में पानी भर गया था।
नाला सफाई को लेकर नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने सोमवार को नाला सफाई के लिए अभियंताओं की बैठक बुलाई है। इस संबंध में नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि पहले उन नालों की सफाई कराई जा रही है जहां विभागीय स्तर से काम होना है। इस वर्ष समय से नाला सफाई करा सिल्ट उठा ली जाएगी। बारिश से पहले ही यह पूरा कार्य खत्म कर लिया जाएगा ताकि बारिश में सिल्ट बहकर वापस नाले में न जाए।
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नाला सफाई में आठ करोड़ खर्च होने के बाद भी जलभराव
नाला सफाई में नगर निगम ने पिछले साल आठ करोड़ रुपये खर्च किए थे, लेकिन फिर भी शहर जलभराव से जूझा था।