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13 साल पहले मछरिया के दोहरे हत्याकांड में छह को आजीवन कारावास Kanpur News

सजा सुनाए जाने के बाद रो पड़े अभियुक्त 2006 में पुरानी रंजिश के चलते दो दोस्तों की गोली मार की थी हत्या।

By AbhishekEdited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 08:48 AM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 03:16 PM (IST)
13 साल पहले मछरिया के दोहरे हत्याकांड में छह को आजीवन कारावास Kanpur News
13 साल पहले मछरिया के दोहरे हत्याकांड में छह को आजीवन कारावास Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। मछरिया चौराहे पर 13 वर्ष पूर्व हुए दोहरे हत्याकांड में गुरुवार को विशेष न्यायाधीश एससीएसटी रमेश चंद्र प्रथम छह आरोपितों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद और 40-40 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया। सजा सुनाए जाने के बाद अभियुक्त रो पड़े, जिससे कोर्ट के बाहर चीख पुकार मच गई। सभी को कड़ी सुरक्षा में जेल भेजा गया।

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मछरिया चौराहे से पूर्व स्थित पार्क के पास 31 दिसंबर 2006 की रात 10:30 बजे धरीपुरवा निवासी जोगिंदर बाल्मीकि, पशुपति नगर निवासी वारिज रत्न उर्फ विशाल बाजपेयी, रामकरन, सिकंदर, दीपक व पंकज नववर्ष पर एक दूसरे को गले लगकर बधाई दे रहे थे। इसी दौरान मछरिया के रहने वाले दीपू यादव, मोहित यादव, अनूप शुक्ला, अन्नू चौरसिया, नरेंद्र सविता और अश्वनी त्रिपाठी असलहे लेकर पहुंचे। पुरानी रंजिश के चलते दीपू के ललकारने पर सभी ने जोगिंदर और विशाल को दबोच लिया। मोहित ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से दोनों को गोली मार दी। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना की रिपोर्ट जोगिंदर के भाई बऊआ बाल्मीकि ने नौबस्ता थाने में दर्ज कराई। विशेष लोक अभियोजन अधिकारी राजेश शुक्ला ने बताया कि पुलिस ने दीपू को छोड़कर अन्य सभी छह आरोपितों के खिलाफ 10 फरवरी 2007 को मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट के न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी जबकि दीपू की विवेचना स्थानांतरित कर दी गई थी।

एक सप्ताह पूर्व मॉडल शॉप पर हुई थी लड़ाई

मृतक जोगिंदर के भाई बऊआ ने जो तहरीर नौबस्ता पुलिस को दी उसके मुताबिक दीपू और जोगिंदर का एक सप्ताह पूर्व मॉडल शॉप पर झगड़ा हुआ था। 31 जनवरी 2006 की रात वारदात से पहले बऊआ ने दीपू और प्रहलाद को मोटर साइकिल पर तमंचा लेकर जाते देखा था। जिस पर भाई की चिंता हुई तो उसे फोन किया। फोन पर ही उसने बताया कि उक्त आरोपितों ने घेर रखा है। सभी तमंचे लिए हैं। जल्दी बचा लो नहीं तो मार देंगे। यह सुनकर दोस्तों के साथ मछरिया तिराहे से दौड़ते हुए पहुंचे। आसपास के लोग भी साथ भागे तो हमलावर तमंचे लहराते हुए कार से भाग गए। घटनास्थल पर दोनों का रक्तरंजित शव छोड़कर बऊआ रिपोर्ट दर्ज कराने नौबस्ता थाने गए थे।

घटना के चश्मदीद

मृतकों के साथ नववर्ष की पार्टी मना रहे दीपक जादौन, पंकज मिश्रा, रामकरन और सिकंदर के सामने ही आरोपितों ने पूरी वारदात अंजाम दी थी। चार्जशीट में पुलिस ने भी इन्हे चश्मदीद गवाह बनाया था। इस तरह चार्जशीट में कुल 26 गवाह बनाए गए थे।

किसे मिली कितनी सजा

-मोहित यादव, अनूप शुक्ला, अश्वनी त्रिपाठी, नरेंद्र सविता, अन्नू चौरसिया को हत्या, अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण में उम्रकैद और 40-40 हजार रुपये से दंडित किया गया

-प्रहलाद को हत्या में उम्रकैद और 20 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया गया 


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