बाइक पर पुलिस का लोगो और हूटर लगाकर फंसाता था शिकार, पकड़ा गया फर्जी दारोगा Kanpur News
42 दिन पहले भी ठगी में जेल गया था और छूटते ही फिर शुरू कर दी धोखाधड़ी।
कानपुर, जेएनएन। चोर चोरी से जाए, हेरा-फेरी से न जाए, यह कहावत फर्जी दारोगा बनकर ठगी करने वाले नसीम पर सटीक बैठती है। जेल जाने के बाद भी वह बाज नहीं आया और जेल से बाहर आते ही फिर दारोगा बन ठगी शुरू कर दी। गोरखपुर के एक व्यापारी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
कानपुर नगर के थाना बाबूपुरवा क्षेत्र के ढकनापुरवा के रहने वाले नसीम को पुलिस ने बीती नौ जुलाई को गिरफ्तार किया था। उसने लालपुर चौकी इंचार्ज पंकज मिश्र बनकर झांसी निवासी आशुतोष खरे के मोबाइल पर कॉल की थी और ट्रक दुर्घटना में एक छात्र की मौत की बात कहते हुए पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के खाते में चार हजार रुपये भेजने को कहा। आशुतोष ने एसपी अनुराग वत्स को जानकारी दी तो छानबीन के बाद फर्जी दारोगा नसीम को पुलिस का लोगो व हूटर लगी बाइक संग पकड़कर जेल भेजा गया था।
42 दिन बाद वह जमानत पर 21 अगस्त को छूटा तो फिर ठगी शुरू कर दी। गोरखपुर के मौरंग-गिट्टी व्यापारी मार्कंडेय ङ्क्षसह को उसने ट्रक दुर्घटना होने व खुद को कानपुर देहात का दारोगा बताकर मुकदमे से बचने के लिए बैंक खाते में दस हजार रुपये भेजने को कहा। मौरंग व्यापारी के भांजे मकान नंबर 215, टी रामजानकी नगर, वसारतपुर थाना चिलुआताल जिला गोरखपुर निवासी विवेक कुमार ने ई-मेल पर एसपी से शिकायत की फिर अकबरपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया।
मोबाइल नंबर की जांच व छानबीन के आधार पर पुलिस को पता लगा कि नसीम ही ठगी की कोशिश कर रहा है। इस पर दारोगा विमल कुमार व बृजेश कुमार ने उसे मंगलवार को दबोच लिया। कोतवाल धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि नसीम पर भोगनीपुर कोतवाली में वर्ष 2018 में ठगी करने का मुकदमा दर्ज है। ठग नसीम को जेल में बंदी आरटीओ के नाम से जानते व बुलाते हैं। दारोगा विमल कुमार ने बताया कि उसके पास से धमकी देने वाले मोबाइल के सिम व दो फोन मिले हैं।