मेटामैटेरियल से बनेंगे विमान के पुर्जे, दुश्मन का रडार नहीं पकड़ पाएग फाइटर प्लेन Kanpur News
आइआइटी में माइक्रोवेव-इंफ्रारेड-ऑप्टिकल एप्लीकेशन विषय पर हुए कोर्स में विशेषज्ञों ने अहम जानकारियां दीं।
कानपुर, जेएनएन। मेटामैटेरियल्स के क्षेत्र में वैज्ञानिक तेजी के साथ काम कर रहे हैं, इसमें उन्हें ऐसी डिवाइस व उपग्रह एंटीना समेत अन्य हल्के उपकरण बनाने में सफलता मिली है। बहुत जल्द मेटामैटेरियल्स से विमान के पुर्जे और डिवाइस भी बनाए जा सकेंगे। इतना ही नहीं स्टील्थ टेक्नोलॉजी पर जारी इस अनुसंधान के जरिए विमान अब रडार की पकड़ में नहीं आएगा।
आइआइटी में इलेक्ट्रोमैग्नेटिकमेटामैटेरियल्स : माइक्रोवेव-इंफ्रारेड-ऑप्टिकल एप्लीकेशन विषय पर हुए शॉर्ट टर्म कोर्स में विशेषज्ञों ने बताया कि अभी इस दिशा में बहुत काम होना बाकी है, लेकिन आने वाला समय मेटामैटेरियल्स का होगा। इससे डिवाइस से लेकर एयरोप्लेन के पुर्जे बनेंगे। इस दौरान देशभर में संचालित अनुसंधान संस्थानों के वैज्ञानिकों ने इस दौरान अपने प्रजेंटेशन से मेटामैटेरियल के भविष्य की तस्वीर दिखाई। बताया, वर्तमान दशक में मेटामैटेरियल्स के आधार पर कई तरह के नए एप्लीकेशन, डिवाइस व टेक्नोलॉजी तैयार की गई हैं।
दुश्मन का रडार नहीं पकड़ पाएगा फाइटर प्लेन
मेटामैटेरियल का उपयोग कांपैक्ट उपग्रह टेलीफोनी एंटीना, इंफ्रा रेड थर्मल कैमरे व सैन्य क्षेत्रों में किया जा रहा है। स्टील्थ टेक्नोलॉजी पर किए जा रहे अनुसंधान में कुछ सफलता भी मिली है। स्टील्थ टेक्नोलॉजी एक ऐसी तकनीक है जिससे हम विमान को दुश्मन के रडार की नजर से बचा सकते हैं। पांच दिन तक चलने वाले इस शॉर्ट टर्म कोर्स में छात्रों को ऑप्टिकल घटक व इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम समेत अन्य तकनीकों के बारे में बताया जाएगा। कोर्स का संचालन इलेक्ट्रिकल इंजीनियङ्क्षरग के प्रो. के वैभव श्रीवास्तव व भौतिकी विभाग के प्रो. एस. अनंत रामकृष्ण कर रहे हैं।