पांच हजार मीट्रिक टन स्लज के ढेर में फंसा सीईटीपी निर्माण
वाजिदपुर में प्रस्तावित 20 एमएलडी क्षमता के कॉमन इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) का निर्माण पांच हजार मीट्रिक टन स्लज के ढेर की वजह से फंसा है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : वाजिदपुर में प्रस्तावित 20 एमएलडी क्षमता के कॉमन इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) का निर्माण पांच हजार मीट्रिक टन स्लज के ढेर की वजह से फंसा है। नगर निगम एक माह में दस हजार मीट्रिक टन स्लज ही हटवा पाया है। दो दिन बाद प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज सिंह के निरीक्षण को देखते हुए अब नगर निगम ने स्लज हटाने को पूरा अमला लगा दिया है।
टेनरियों के दूषित पानी को ट्रीट करने के लिए 419 करोड़ रुपये से वाजिदपुर में 14 हेक्टेयर जगह में सीईटीपी बनना है। 130 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकली स्लज निर्माण के लिए प्रस्तावित जगह पर ही डाली जा रही है। बिना स्लज हटाए सीईटीपी निर्माण संभव नहीं है। नगर निगम दस हजार मीट्रिक टन स्लज तो हटा चुका है लेकिन अब भी पांच हजार मीट्रिक टन स्लज एकत्र है। नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा ने सोमवार को वाजिदपुर प्लांट पहुंचे और नए प्लांट के लिए प्रस्तावित जमीन का निरीक्षण किया। यहां पर फैली स्लज जल्द हटाने के आदेश दिए ताकि निर्माण शुरू हो सके।
खेत किनारे फेंक रहे, किसान परेशान सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट वाजिदपुर से निकाली गई स्लज को जाना व शेखपुर गांव में खेतों के किनारे फेंकी जा रही है। किसानों ने कहा कि स्लज की खतरनाक क्रोमियम से खेतों के उर्वरा शक्ति प्रभावित होने का खतरा है जिससे धान की फसल पर भी असर पड़ सकता है।
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स्लज को भाऊसिंह पनकी स्थित कूड़ा निस्तारण प्लांट में डाला जा रहा है। जाना व शेखपुर में जमीन कटने के कारण किनारे डाला गया है। क्रोमियमयुक्त स्लज का निस्तारण रैम्की कंपनी कानपुर देहात में कर रही है। यह स्लज खतरनाक नहीं है।
एसके सिंह, अधिशासी अभियंता जोन दो नगर निगम