भ्रष्टाचार के सीवर में फंसी स्वच्छता की योजना
शहर को सीवर समस्या से निजात दिलाने को 12 साल पहले शुरू हुई 750 करोड़ की सीवरेज योजना भ्रष्टाचार में फंसी हुई है।
जागरण संवाददाता, कानपुर: शहर को सीवर समस्या से निजात दिलाने को 12 साल पहले शुरू हुई 750 करोड़ की सीवरेज योजना भ्रष्टाचार में फंसी हुई है। जवाहर लाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूवल मिशन की यह योजना 2014 में पूरी होनी थी, लेकिन अभी तक 40 फीसद लोगों तक ही इसका आधा अधूरा लाभ पहुंच पाया है। इसके काम की गति ही धीमी नहीं है, बल्कि घटिया कार्य से भी जमकर लूट हुई है। जल निगम के अभियंता और ठेकेदार की मिलीभगत से मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई हैं। घटिया पाइप लाइनों के इस्तेमाल हुआ है, जगह जगह पाइपों को जोड़ने के बजाय खाली स्थान छोड़ दिये गये हैं। इससे जलभराव होता है। इससे 40 लाख की आबादी को सीवर की समस्या के साथ जलभराव से भी जूझना पड़ता है। करोड़ों रुपये के दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट अभी तक चालू नहीं हो पाए हैं। जो चालू हुए हैं वे आधे अधूरे चल रहे हैं। कई स्थानों पर सीवर लाइन ही नहीं पड़ी है, कई जगह जोड़ी नहीं गई। कई जगह नई लाइन पड़ी तो है पर चालू नहीं हो पाई है।
4.3 करोड़ लीटर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट दिखावा
जाजमऊ में 4.3 करोड़ लीटर क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट अभी तक नहीं चालू हो पाया है। इसके निर्माण में मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई हैं। जांच में घटिया काम मिलने पर ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। इस प्लांट से जाजमऊ, रामादेवी, सनिगवां, लालबंगला, हरजेंदर नगर समेत कई इलाकों की सीवर लाइन को जोड़ा जाना था। लेकिन लाइन ही नहीं पड़ी है। पुरानी सीवर लाइन चोक रहती है, जिससे अकसर लोगों के घरों में सीवर का पानी भरता है।
अनियोजित प्लानिंग में फंसा बनियापुरवा प्लांट
बनियापुरवा का ट्रीटमेंट प्लांट तो अनियोजित प्लानिंग का शिकार हो गया है। इसके लिए स्थान पहले तय कर दिया गया, जबकि जमीन अधिग्रहण की तैयारी बाद में शुरू हुई। इसके चलते यह जमीन विवाद में फंस गया और नौ साल बाद भी चालू नहीं हो पाया है। इस प्लांट से कल्याणपुर, नानकारी, मैनावती मार्ग, नारामऊ, जरौली समेत कई इलाकों में सीवर लाइन को जोड़ा जाना था। लेकिन अभी तक नई लाइन पड़ी ही नहीं। पुरानी सीवर लाइन चोक होने से बारिश में लोगों के घरों में सीवर का पानी भरता है।
40 फीसद इलाके में सीवर ही नहीं
इस योजना के 12 साल बाद भी 40 फीसद इलाके सीवर विहीन हैं। यहां अंग्रेजों के जमाने की सीवर लाइनें हैं। इनके जर्जर व चोक होने से एक तिहाई शहर सीवर भराव से जूझता है। दर्जनों मोहल्लों में बसी बड़ी आबादी को नारकीय जीवन जीना पड़ रहा है।
यहां नहीं सीवर लाइन
शारदा नगर, गीतानगर, सुजातगंज, नानकारी, छपेड़ापुलिया, यशोदानगर, रामपुरम, दामोदर नगर, शंकराचार्य नगर, गदियाना, रावतपुर गांव, संघर्ष नगर, गोपाल नगर आदि क्षेत्र।
सीवरेज योजना
योजना की लागत: 750 करोड़ रुपये
काम शुरू हुआ: वर्ष 2007 में
स्थिति: 40 फीसद भी काम पूरा नहीं। ट्रीटमेंट प्लांट बनाए तो पाइप नहीं डाला, पाइप डाला तो प्लांट नहीं बनाया।
नए बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का हाल
-21 करोड़ ली क्षमता के बिनगवां प्लांट में 16 करोड़ लीटर ही हो रहा ट्रीट
-1.5 करोड़ लीटर क्षमता का बनियापुरवा प्लांट अभी तक नहीं हुआ तैयार
-4.3 करोड़ लीटर क्षमता जाजमऊ में बना ट्रीटमेंट प्लांट अभी तक नहीं चला
-4.2 करोड़ लीटर का सजारी में बने प्लांट में एक करोड़ लीटर ही हो रहा ट्रीट
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- जेएनएनयूआरएम की सीवरेज योजना भ्रष्टाचार की योजना बन गई है। यह समाधान से ज्यादा समस्या बन गई है। इसकी जांच कराके दोषियों को जेल भेजा जाए।
अमिताभ बाजपेयी, विधायक सपा इतने साल बाद भी योजना पूरी न होने से व्यवस्था की पोल खुल रही है। जांच कराके दोषी अफसरों व ठेकेदारों पर मुकदमा कराया जाए। काम जल्द से जल्द पूरा करके जनता को समस्या से निजात दिलाया जाए।
इरफान सोलंकी, विधायक सपा सीवरेज योजना के काम चालू हो। साथ ही समय सीमा तय हो। इसमें लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की जाए।
- नीलिमा कटियार, विधायक, भाजपा योजना कहां और किस कारण से अटकी है, इसकी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। जल्द से जल्द इसके काम को पूरा कराया जाए।
अरुण पाठक, एमएलसी, भाजपा