एक हजार साल पुरानी सूर्य प्रतिमा मिली, लाखों-करोड़ों में हो सकती कीमत Kanpur News
पुरातत्व विभाग ने दसवीं शताब्दी में मूर्ति स्थापना और महमूद गजनबी के आक्रमण के समय मंदिर ध्वस्त किए जाने की जानकारी दी है।
कानपुर, जेएनएन। दिबियापुर के एक गांव में पुराने टीले की खोदाई में एक हजार साल पुरानी सूर्य प्रतिमा मिली है। पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञों ने प्रतिमा को दसवीं शताब्दी का बताया है और मंदिर को महमूद गजनवी के आक्रमण के समय ध्वस्त किये जाने की बात कही है। हालांकि अभी तक इस प्रतिमा की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत लाखों-करोड़ों में हो सकती है।
औरैया के दिबियापुर के ग्राम धुपकरी में एक बहुत पुराना टीला (ऊंचाई पर स्थित एक ऐसा बड़ा भाग जहां राजा अपना किला बनाते थे) है। पहले यह 700 बीघा में फैला था, जो खनन के चलते काफी कम रह गया है। बीते सोमवार को कुछ ग्रामीण जेसीबी से टीले पर खोदाई करा रहे थे। इस बीच एक चार फीट ऊंची प्रतिमा निकली तो ग्रामीणों ने उसे भगवान बुद्ध की प्रतिमा मानकर पूजन अर्चन शुरू कर दिया। मानने लगे। पुलिस व राजस्व कर्मी पहुंचे और पुरातत्व विभाग को सूचना देने की बात कहकर कर्मी लौट गए।
प्रतिहार वंश के समय स्थापित की गई प्रतिमा
राजकीय पुरातत्व संग्रहालय कन्नौज के अध्यक्ष दीपक कुमार ने फोटो देखने के बाद प्रतिमा सूर्य देव की बताया है, इसे दसवीं शताब्दी में प्रतिहार वंश के शासनकाल में स्थापित किया गया था। प्रतिमा के साथ दंड और ङ्क्षपगल मौजूद है, सूर्य देव मुकुट लगाए है और गहने पहने हैं, साथ में पैरों में जूते भी हैं। देश में भगवान सूर्य की सभी प्रतिमाएं जूता पहने हुए स्थापित हैं। बुद्ध प्रतिमा में गहने और जूते नहीं हैं। दसवीं शताब्दी में कन्नौज में प्रतिहार वंश था और राजा राजपाल थे।
एक हजार साल पुरानी है सूर्य प्रतिमा
पुरातत्व विभाग के जानकार अविनाश अग्निहोत्री कहते हैं सूर्य प्रतिमा एक हजार साल पुरानी है। प्रतिहार वंश के समय सूर्य देव की मूर्तियों की स्थापना हुई थी। ई. 1019 में महमूद गजनवी ने कन्नौज में आक्रमण करके मंदिरों को ध्वस्त करा दिया था, जो कन्नौज से औरैया तक आया था। कालिंजर अभियान में राजाओं के कई खेरे व गढ़ी, जहां मंदिर स्थापित थे उन्हें नष्ट करा दिया गया था। संभव है कि यहां भी मंदिर ध्वस्त होने के बाद सूर्य देव की प्रतिमा दब गई होगी।
करोड़ों की हो सकती मूर्ति
अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्राचीन मूर्तियों की बहुत मांग रहती है, ऐसे में इस एक हजार साल पुरानी प्रतिमा की कीमत करोड़ों में हो सकती है। ऐसी प्राचीन प्रतिमाओं पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तस्करी करने वालों की नजरें चौकन्नी रहती हैं। ऐसे में गांव से बाहर एक पेड़ के नीचे रखी इस सूर्य प्रतिमा की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशासन ने अभी तक सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया है। बिधूना एसडीएम रमापति का कहना है कि राजस्व कर्मियों से रिपोर्ट तलब की गई, इसके बाद पुरातत्व विभाग को सूचना दी जाएगी।