अब तक आकार नहीं ले पाया डिफेंस कॉरीडोर, विकास की उम्मीदें धूमिल Kanpur News
औद्योगिक विकास को पंख लगाने के लिए प्रस्तावित डिफेंस कॉरीडोर अभी तक नहीं बना है।
By Edited By: Published: Sun, 14 Jul 2019 01:16 AM (IST)Updated: Sun, 14 Jul 2019 10:31 AM (IST)
कानपुर,जेएनएन। औद्योगिक विकास को पंख लगाने के लिए प्रस्तावित डिफेंस कॉरीडोर अभी तक आकार ही नहीं ले पाया है। इस ड्रीम प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए अधिकारी जमीन तक नहीं तलाश सके हैं। उप्र एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कानपुर में भूमि चिह्नित कर जिलाधिकारी को पत्र भेजा था, जिसका जवाब अभी तक उन्हें नहीं मिला है।
लखनऊ, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, झासी व चित्रकूट में डिफेंस कॉरीडोर बनना है। कानपुर की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि यहां आइआइटी से स्टार्टअप की उम्मीदें हैं तो पहले से आर्डनेंस की पांच फैक्ट्रियां स्थापित हैं। जहां तोप से लेकर पैराशूट और रिवाल्वर जैसे छोटे हथियार भी बनाए जा रहे हैं। कॉरीडोर के बनने से यहां आर्डनेंस फैक्ट्रियों के लिए नए वेंडर भी मिल सकेंगे। ऐसे में कॉरीडोर से कानपुर और आसपास औद्योगिक विकास की उम्मीदें लगाई जा रही हैं।
जमीन मिले तो आगे बढ़े बात
डिफेंस कॉरीडोर के लिए सबसे पहले जमीन की जरूरत है। जमीन उपलब्ध होने पर ही अधिग्रहण शुरू होगा। उसी अनुसार अन्य योजनाएं और बजट जारी हो सकेगा।
डिफेंस कॉरीडोर के फायदे
- 20 हजार करोड़ रुपये निवेश करेंगी देशी-विदेशी कंपनियां।
- 2.5 लाख नए रोजगार सृजित होंगे।
- कानपुर, बुंदेलखंड व आसपास औद्योगिक विकास होगा।
- बड़े पैमाने पर अप्रत्यक्ष रोजगार का भी होगा सृजन।
- स्वरोजगार के प्रति बढ़ेगा आकर्षण।
- स्टार्टअप को मिलेगा प्रोत्साहन।
- संबंधित क्षेत्रों में सड़क से लेकर हवाई आवागमन के साधन बेहतर होंगे।
- 'डिफेंस कॉरीडोर के लिए कानपुर में जमीन चिह्नित कर जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया है। अभी वहां से कोई जवाब नहीं आया है। जिला प्रशासन के जवाब का इंतजार है।' - अवनीश कुमार अवस्थी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, यूपीडा
-यूपीडा ने जमीन चिह्नित कर जो पत्र भेजा था, उसका जवाब मेरे स्तर पर ईमेल से भेज दिया गया है। - वीरेंद्र पांडेय, एडीएम वित्त एवं राजस्व
लखनऊ, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, झासी व चित्रकूट में डिफेंस कॉरीडोर बनना है। कानपुर की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि यहां आइआइटी से स्टार्टअप की उम्मीदें हैं तो पहले से आर्डनेंस की पांच फैक्ट्रियां स्थापित हैं। जहां तोप से लेकर पैराशूट और रिवाल्वर जैसे छोटे हथियार भी बनाए जा रहे हैं। कॉरीडोर के बनने से यहां आर्डनेंस फैक्ट्रियों के लिए नए वेंडर भी मिल सकेंगे। ऐसे में कॉरीडोर से कानपुर और आसपास औद्योगिक विकास की उम्मीदें लगाई जा रही हैं।
जमीन मिले तो आगे बढ़े बात
डिफेंस कॉरीडोर के लिए सबसे पहले जमीन की जरूरत है। जमीन उपलब्ध होने पर ही अधिग्रहण शुरू होगा। उसी अनुसार अन्य योजनाएं और बजट जारी हो सकेगा।
डिफेंस कॉरीडोर के फायदे
- 20 हजार करोड़ रुपये निवेश करेंगी देशी-विदेशी कंपनियां।
- 2.5 लाख नए रोजगार सृजित होंगे।
- कानपुर, बुंदेलखंड व आसपास औद्योगिक विकास होगा।
- बड़े पैमाने पर अप्रत्यक्ष रोजगार का भी होगा सृजन।
- स्वरोजगार के प्रति बढ़ेगा आकर्षण।
- स्टार्टअप को मिलेगा प्रोत्साहन।
- संबंधित क्षेत्रों में सड़क से लेकर हवाई आवागमन के साधन बेहतर होंगे।
- 'डिफेंस कॉरीडोर के लिए कानपुर में जमीन चिह्नित कर जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया है। अभी वहां से कोई जवाब नहीं आया है। जिला प्रशासन के जवाब का इंतजार है।' - अवनीश कुमार अवस्थी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, यूपीडा
-यूपीडा ने जमीन चिह्नित कर जो पत्र भेजा था, उसका जवाब मेरे स्तर पर ईमेल से भेज दिया गया है। - वीरेंद्र पांडेय, एडीएम वित्त एवं राजस्व
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें