प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी और एईई निलंबित, जानिए क्या है पूरा मामला Kanpur News
मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट के बाद शासन के आदेश पर कार्रवाई की गई है।
कानपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी (आरओ) घनश्याम और सहायक पर्यावरण अभियंता (एईई) डॉ.अनिल कुमार माथुर को निलंबित कर दिया गया। यह कार्रवाई बोर्ड के चेयरमैन जेपीएस राठौर ने मंडलायुक्त सुभाषचंद्र शर्मा की शासन को भेजी रिपोर्ट के आधार पर की।
मंडलायुक्त ने दी थी ये रिपोर्ट
कुंभ के दौरान टेनरियां बंद कराई गई थीं। इस दौरान मंडलायुक्त ने आठ मई को जाजमऊ के वाजिदपुर स्थित कॉमन इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी), सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की जांच की थी। उन्होंने पाया कि इन प्लांट की मरम्मत और निर्माण कार्य समय से पूरा नहीं हुआ। बंदी अवधि में निगरानी में इन अफसरों ने लापरवाही बरती। सीईटीपी से अधिक मात्रा में दूषित पानी छोड़ा गया।
निरीक्षण-बंदी के बावजूद चल रही टेनरियों के संचालकों पर कार्रवाई नहीं की गई। नाराज मंडलायुक्त ने शासन को 11 जून को भेजी रिपोर्ट में कहा था कि अफसर लापरवाही न करते तो टेनरी संचालकों पर कार्रवाई होती और गंगा में दूषित पानी नहीं जाता।
छबीलेपुरवा पंपिंग स्टेशन से पानी होता रहा ओवरफ्लो
कुंभ के दौरान सिर्फ छबीलेपुरवा पंपिंग स्टेशन से जुड़ी 27 टेनरियों को चलाने की अनुमति थी लेकिन जाजमऊ के अन्य पंपिंग स्टेशनों से जुड़ी कई टेनरियां चोरी छिपे चलते पकड़ी गई थीं। मंडलायुक्त के निरीक्षण में छबीलेपुरवा पंपिंग स्टेशन से ओवरफ्लो होकर दूषित पानी गंगा में गिरते मिला था।
मंडलायुक्त ने कई बार आरओ को चेताया था, लेकिन उन्होंने निगरानी तंत्र मजबूत नहीं किया, नतीजा चोरी-छिपे चल रही टेनरियों से गंगा मैली होती रहीं। डीएम विजय विश्वास पंत द्वारा गठित जांच टीम ने औचक निरीक्षण में टेनरियां चलते पकड़ी थी। इस पर रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी।
एसबी फ्रैंकलिन क्षेत्रीय अधिकारी, दोनों अफसर मुख्यालय से संबद्ध
बोर्ड मुख्यालय, लखनऊ में तैनात एसबी फ्रैंकलिन को क्षेत्रीय अधिकारी बनाया गया है। वहीं दोनों अधिकारी निलंबन के बाद मुख्यालय संबद्ध किए गए हैं। उन पर विभागीय जांच होगी। मुख्य पर्यावरण अधिकारी डॉ. बृजबिहारी अवस्थी जांच करेंगे।
जल निगम अधिकारियों पर भी हो सकती कार्रवाई
सीईटीपी, एसटीपी निर्माण व संचालन में देरी को लेकर जल निगम के अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है। मंडलायुक्त ने शासन को उनके खिलाफ रिपोर्ट भेजी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव आशीष तिवारी ने बताया कि टेनरी बंदी के दौरान बरती गई लापरवाही पर दोनों अधिकारियों को निलंबित किया गया है। गंगा में प्रदूषण किसी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।