कानपुर में भाजपा जिलाध्यक्ष पर मंथन शुरू, दावेदारों ने लगाई लखनऊ की दौड़
कानपुर उत्तर व दक्षिण में बदलाव हो सकता है अगस्त के पहले हफ्ते में सूची आने की संभावना बन रही है।
कानपुर, जेएनएन। लोकसभा चुनाव के बाद से ही भाजपा संगठन में फेरबदल की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। चाहे शीर्ष नेतृत्व हो या फिर प्रदेश पदाधिकारी। हर जगह बदलाव की आहट सभी को है। जिले में भी अब 'कौन बनेगा जिलाध्यक्ष' पर मंथन चलने लगा है। इसकी भनक लगते ही दावेदारों ने लखनऊ से लेकर दिल्ली तक दौड़ लगानी शुरू कर दी है। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों का कहना है कि अगस्त के पहले हफ्ते में सूची आ सकती है। इसलिए महज डेढ़ माह के अंदर ही सब कुछ फाइनल करना होगा। एक कयास यह भी लगाया जा रहा है कि मौजूदा जिलाध्यक्षों को ही फिर से जिम्मा सौंप दिया जाए। लेकिन अंदरूनी सुगबुगाहट इस बात की भी है कि उत्तर और दक्षिण में बदलाव देखने को मिल सकता है। हालांकि पूरी तरह तस्वीर अगस्त के पहले हफ्ते में साफ हो जाएगी।
उत्तर में ब्राह्मïण कार्ड चला तो दक्षिण में कोई दूसरा कार्ड होगा
संगठन के एक वरिष्ठ पदाधिकारी बताते हैं कि अगर उत्तर में पार्टी की ओर ब्राह्मïण चेहरा (कार्ड) सामने आता है तो दक्षिण में किसी अन्य जाति के कार्यकर्ता को पद दिया जा सकता है। यह इसलिए भी है क्योंकि जब पिछले चुनाव हुए थे, तो उत्तर और दक्षिण में अलग-अलग चेहरों को चुना गया था। यही समीकरण युवा मोर्चा के जिलाध्यक्षों को चुनने में भी लागू किए गए हैैं।
व्यापार मंडल के पदाधिकारी से लेकर पूर्व विधायक तक सक्रिय
उत्तर में जिलाध्यक्ष के लिए एक व्यापार मंडल के पदाधिकारी, पार्टी के जिला उपाध्यक्ष, खुद को शिक्षक प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय स्तर का पदाधिकारी बताने वाले व पार्टी के पूर्व प्रदेश मंत्री रह चुके एक वरिष्ठ पदाधिकारी तक शामिल हैं। जबकि दक्षिण में पार्टी के मौजूदा महामंत्री, मार्बल मार्केट के व्यापारी नेता, पूर्व विधायक व कई अन्य दावेदार जिलाध्यक्ष बनना चाह रहे हैं।
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