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यूपी-उत्तराखंड का सबसे बड़ा ठग ऐसे फंसाता था शिकार, सेना में नौकरी का देता था झांसा

कानपुर पुलिस ने लाखों रुपये ठगने वाले फर्जी कर्नल को गिरफ्तार किया है।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 19 May 2019 04:35 PM (IST)Updated: Sun, 19 May 2019 06:37 PM (IST)
यूपी-उत्तराखंड का सबसे बड़ा ठग ऐसे फंसाता था शिकार, सेना में नौकरी का देता था झांसा
यूपी-उत्तराखंड का सबसे बड़ा ठग ऐसे फंसाता था शिकार, सेना में नौकरी का देता था झांसा

कानपुर, जेएनएन। सेना में भर्ती कराने और मेडिकल में पास कराने के नाम पर ठगी करने वाले फर्जी कर्नल आखिर पुलिस के हत्थे चढ़ गया। बेरोजगार युवाओं से लाखों की ठगी कर चुके फर्जी कर्नल फतेहगढ़ निवासी सूर्यप्रताप ने कई राज उगले हैं। उसने यूपी-उत्तराखंड में ठगी करने की जानकारी दी है। अबतक वह नैनीताल में ठिकाना बनाए था और वहां खेल खुलने के बाद फिर से 14 मई को कानपुर आ गया था।

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कई राज्यों में फैला जाल

फर्जी कर्नल सूर्य प्रताप  उर्फ मनोज सेंगर ने यूपी, मध्यप्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा में जाल बिछा रखा है। उस पर कानपुर, ग्वालियर, इटावा, शाहजहांपुर, हरदोई, औरैया, पटना, मेरठ आदि शहरों में मामले दर्ज हैं। फतेहगढ़ में 9 जनवरी 2016 को राजपूत रेजीमेंटल सेंटर के एडज्यूटेंट गौरव डोगरा ने सेना भर्ती के दौरान सूर्यपाल को पकड़ा था, उसके पास से एक आइकार्ड मिला था। उस पर मनोज कुमार सेंगर, जनपद औरैया, थाना बेला, ग्राम बरुआ खुलासर लिखा था।

कर्नल बताकर की थी शादी, पत्नी ने की थी शिकायत

फतेहगढ़ में गिरफ्तारी की जानकारी पर कन्नौज निवासी पत्नी फतेहगढ़ कोतवाली पहुंची थी। वहां सूर्यप्रताप के फर्जी कर्नल होने की जानकारी देकर धोखा देकर शादी करने का आरोप लगाया था। हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि न होने पर कोई कार्रवाई नहीं की थी।

शहर में इनसे की ठगी

बिरहर घाटमपुर निवासी प्रदीप पांडेय ने सूर्यप्रताप, संतोष कुमार और होटल मैनेजर नरेश के खिलाफ नौकरी दिलाने के नाम पर 14.90 लाख रुपये ठगी का मामला दर्ज कराया था। रेलबाजार इंस्पेक्टर दधिबल तिवारी कॉल डिटेल के आधार पर उसकी तलाश कर रहे थे। शुक्रवार रात उसे शहर के एक होटल से पकड़ा। उसने बताया कि सेना में भर्ती के लिए कई बार हिस्सा लिया, लेकिन सफल नहीं हुआ। इसके बाद उसने सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी शुरू कर दी।

इस तरह फंसाता था शिकार

सूर्य प्रताप सेना भर्ती कराने वाली कोचिंग व आर्मी सेंटर के आसपास भर्ती के दौरान अपने एजेंट लगा देता था। यहां से युवाओं को अपने जाल में फंसाकर नौकरी के नाम पर ठगी करता था। रेलवे स्टेशन के आसपास होटल में कार्यालय बनाकर पैसा वसूलता और कुछ दिन बाद ठिकाना बदल लेता था। ठगी का शिकार हुए प्रदीप के बेटे अनुभव की एमईएस में क्लर्क की नौकरी दिलाने के नाम पर 8.40 लाख रुपये लिए थे। उन्होंने रिश्तेदार शिवम मिश्रा से 6.50 लाख रुपये दिलवाए थे। 16 मार्च को कथित सूर्यप्रताप ने कहा कि वह दोनों को मेरठ कैंट ले चलेगा जहां नौकरी ज्वाइन करनी है। अनुभव व शिवम को वह एक-एक दिन करके टालता रहा और 30 मार्च को चुपचाप होटल से भाग निकला था।

कानपुर से भागकर नैनीताल में बनाया ठिकाना

जांच में पता चला है कि यहां से भागकर उसने नैनीताल के मल्लीताल स्थित सुमन रेजीडेंसी होटल में पिछले डेढ़ माह से डेरा जमाया था। यहां उसने खुद को सैनिक स्कूल घोड़ाखाल का पढ़ा और मेरठ में कर्नल होने की जानकारी देकर फंसाया। होटल मैनेजर कमल किशोर समेत सात लोगों से करीब दस लाख रुपये ठग लिये। इसमें अल्मोड़ा का एक शिक्षक कल्याण सिंह मनकोटी भी साथी था। वहां लाखों की ठगी कर वह दोबारा कानपुर आ गया।

जिस होटल में रुका उसके मैनेजर को फंसाया

नैनीताल स्थित जिस होटल में सूर्यप्रताप रुका था, उसके मैनेजर कमल ने पुलिस को बताया था कि फर्जी कर्नल सेना में भर्ती के लिए छह लाख रुपये मांग रहा था, लेकिन होटल में रुकने के दौरान पहचान होने का वास्ता देने पर तीन लाख में तैयार हो गया। उसके कम्प्यूटर में फर्जी सेलेक्टेड लिस्ट दिखाने पर और विश्वास हो गया। नौ मई को डाक विभाग से भेजे गए कॉल लेटर में अल्मोड़ा की मुहर देख शंका हुई। जब तक जांच पड़ताल करते सूर्यप्रताप भाग निकला। वह दो दिन तक बागेश्वर में साथी अल्मोड़ा निवासी शिक्षक कल्याण सिंह मनकोटी के साथ रहा और चितई मंदिर दर्शन भी करने गया था। 16 मई को सूखाताल स्थित कैनरा बैंक में पैसा जमा होने के बाद भाग गया।

बेटे की नौकरी के लिए बेच दिए जेवर

स्टाफ हाउस नैनीताल निवासी पीडि़त नावचालक चनीराम ने पुलिस को बताया कि उसने भी बेटे मनोज की नौकरी के लिए सूर्यपाल की बातों में आकर एक लाख रुपये दिए थे। चनीराम के मुताबिक शिक्षक मनकोटी जब नौकायन कर रहा था तो उसने कर्नल से मिलवाया था। चनीराम ने पत्नी के जेवर बेचकर पैसा दिये थे।

बार-बार बदलता रहा बयान

कथित कर्नल सूर्य प्रताप कभी खुद को घाटमपुर तो कभी औरैया कुलासर निवासी बताता रहा। उसके मुताबिक फतेहगढ़ व कानपुर में सेना भर्ती का हब होने के चलते ठिकाना बना रखा था। पहले मेरठ में कुछ दिन धोखाधड़ी की लेकिन बोलचाल में दिक्कत के चलते छोड़ दिया। इसके बाद यहां के छात्रों को मेरठ ले जाता और कुछ दिन इधर-उधर घुमाने के बाद लौटा देता था।

शहर में पहले भी पकड़े जा चुके फर्जी कर्नल

शहर में इससे पहले भी फर्जी कर्नल पकड़े जा चुके हैं। चकेरी व कलेक्टरगंज में नौकरी दिलाने के नाम पर इन लोगों ने 12 युवकों से ठगी की थी। साथ ही जांच में सामने आया था कि लोगों ने लड़कियों का यौन उत्पीडऩ भी किया था। इसमें से एक तो वैवाहिक वेबसाइट के माध्यम से उससे जुड़ी थी।

पत्नी व भाइयों के नाम खोल रखे खाते

अभी तक जांच में पता चला है कि कथित कर्नल ने पत्नी व भाइयों समेत कई लोगों की फर्जी आइडी पर दर्जन भर से ज्यादा खाते खुलवा रखे हैं। उनके माध्यम से लेनदेन करता था। ठगी करके शहर छोडऩे के बाद रुपये निकालते ही खाते बंद कर देता था। पुलिस खातों की डिटेल खंगाल रही है।

मिलिट्री इंटेलीजेंस व सेना अफसर ने भी की पूछताछ

नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने में गिरफ्तार फर्जी कर्नल से मिलिट्री इंटेलीजेंस और सेना के अधिकारियों ने रेलबाजार थाने में देर रात पूछताछ की। एसएसपी ने सेना से जुड़ा मामला होने के चलते उन्हें जानकारी दी थी। इसके बाद मिलिट्री इंटेजीजेंस समेत सुरक्षा से जुड़ी अन्य यूनिट के अधिकारी पूछताछ करने थाने पहुंचे। एसएसपी अनंतदेव तिवारी ने बताया कि जल्द ही सेना में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया जाएगा। मुख्य आरोपित से पूछताछ में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं।

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