दिल्ली की रियल इस्टेट कंपनी पियर्स अलाइड पर सेबी का शिकंजा, निदेशकों को अंतिम मौका
कंपनी का दिल्ली और लखनऊ में ऑफिस है आठ निदेशक कानपुर और बाकी गोरखपुर व गाजियाबाद के रहने वाले हैं।
कानपुर, जेएनएन। नियमों का उल्लंघन कर लोगों से धन निवेश कराने पर सेबी ने रीयल इस्टेट कंपनी पियर्स अलाइड कारपोरेशन के दिल्ली और लखनऊ स्थित ऑफिस समेत उसके दस लापता निदेशकों को अखबार में विज्ञापन के जरिए नोटिस दिया है। सेबी इससे पहले भी 11 निदेशकों को नोटिस जारी कर चुकी है लेकिन एक व्यक्ति को छोड़कर कोई भी अपने पते पर नहीं मिला था।
निवेशकों ने की थी शिकायत
वर्ष 2008 के जनवरी में पियर्स अलाइड कारपोरेशन की शुरुआत हुई थी। दिल्ली में कंपनी को जमीन खरीदने और डेवलप करके बेचने का लाइसेंस मिला था। लेकिन, कंपनी ने अपने एजेंट के जरिए अलग-अलग वर्षों के हिसाब से धन दोगुना-तीन गुना करने का वादा करते हुए लोगों से निवेश कराया। एजेंट्स तर्क देते थे कि जमीन का दाम आने वाले समय में काफी बढ़ जाएगा। इससे उनको काफी लाभ होगा। 2012 में कंपनी के खिलाफ शासन में निवेशकों ने शिकायत की कि बैंकिंग कारोबार का लाइसेंस न होने पर सावधि जमा में निवेश कराया। आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा ने इसकी जांच कर 17 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट भी लिखाई थी।
सभी निदेशकों को पक्ष रखने का अंतिम मौका
अब सेबी ने कंपनी समेत सभी 11 निदेशकों को अपनी बात कहने का अंतिम मौका दिया है। इस सुनवाई में शामिल नहीं होने पर उनके खिलाफ एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी। इसमें कानपुर में अपना पता बताने वाले आठ निदेशक समेत दो गोरखपुर और एक गाजियाबाद का रहने वाला है। कानपुर के 143, एचआइजी आवास विकास कल्याणपुर निवासी आलोक त्रिपाठी, 3/14, न्यू ईदगाह कॉलोनी निवासी शैलेश कुमार उपाध्याय, 1/13, न्यू बेनाझाबर कॉलोनी निवासी दुर्गा प्रसाद दुबे, सिटी सेंटर, माल रोड का पता देने वाले आशीष कुमार त्रिपाठी, 1/13, न्यू ईदगाह कॉलोनी निवासी इंदु दुबे, 3/14 न्यू ईदगाह कॉलोनी निवासी मंजू उपाध्याय, 1/13 न्यू ईदगाह कॉलोनी निवासी अजय कुमार पांडेय, 3/14 न्यू बेनाझाबर कॉलोनी निवासी साधु शरण, बौराडीह खुदार के संदीप कुमार मिश्रा, बुदहट गोरखपुर के विश्वम्भर नाथ दुबे और प्रताप विहार गाजियाबाद के अनूप अग्रवाल को पहले भी सेबी ने नोटिस दिये थे।
दस निदेशकों के पतों से लौटीं नोटिस
विश्वम्भर को छोड़कर सभी नोटिस यह कह कर लौटा दी गई थीं कि वे अब यहां नहीं रहते है। अब सेबी के लखनऊ कार्यालय ने कंपनी समेत सभी 11 निदेशकों को दो दिनों में 24 और 27 मई को अपना पक्ष रखने के लिए अंतिम मौका दिया है। मुख्य महाप्रबंधक व न्याय निर्णायक अधिकारी संतोष शुक्ल ने स्पष्ट किया है कि सुनवाई के लिए उपस्थित नहीं होने पर मौजूदा साक्ष्यों के आधार पर एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी।
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