Chitrakoot Kidnap : मासूम जुड़वां भाइयों को ट्यूशन पढ़ाता था हत्यारोपित, सतना जेल में लगाई फांसी
स्कूल बस से अपहरण के बाद मासूम भाइयों की हत्या कर शव नदी में फेंक दिए थे।
बांदा, जेएनएन। चित्रकूट के तेल कारोबारी के जुड़वां बच्चों के अपहरण व हत्याकांड के सूत्रधार आरोपित शिक्षक के जेल में फांसी लगाने की जानकारी मिलने पर स्थानीय लोगों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं। घटना का मुख्य आरोपी रामकेश घर जाकर मासूम जुड़वां भाइयों को ट्यूशन पढ़ाता था। पुलिस ने गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया था।
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स्कूल बस से मासूम भाइयों का किया था अपहरण
सतना सेंट्रल जेल के अंदर खुदकुशी करने वाले ट्यूशन शिक्षक रामकेश यादव ने अपने ममेरे भाई पिंटा यादव के साथ 12 फरवरी को मध्य प्रदेश के सतना जिला के नया गांव थाना क्षेत्र स्थित सद्गगुरु सेवा संघ ट्रस्ट के सद्गुरु पब्लिक स्कूल से चित्रकूट के रामघाट निवासी आयुर्वेदिक तेल कारोबारी ब्रजेश रावत के बेटों श्रेयांश और प्रियांश का तमंचे की नोक पर अपहरण किया था। एक गैंग तैयार कर वारदात करने वाले रामकेश ने फिरौती में 20 लाख रुपये लेने के बाद भी हत्या कर दी थी। दोनों बच्चों के शव यमुना नदी में जंजीर में बंधे औगासी घाट बबेरू बांदा में मिले थे। पुलिस के मुताबिक, वह बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था। इस दौरान बच्चों के परिजनों के काफी करीब पहुंच गया था। उधार रुपये भी लिए थे। वापसी मांगने पर नाराजगी में आकर उसने वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस ने मामले में रामकेश के साथ बीटेक छात्र पद्म शुक्ला, राजू द्विवेदी, लकी उर्फ आलोक सिंह तोमर, पिंटू उर्फ पिंटा यादव और विक्रम जीत सिंह गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
पिता बोले, भगवान ने दी सजा
तेल कारोबारी ब्रजेश रावत ने कहा कि जिस तरह रामकेश ने उनके बच्चों का अपहरण कर निर्मम हत्या की थी। भगवान ने उसको वैसी ही सजा दी। उसके लिए वह भगवान से हमेशा सजा की पुकार करते थे। वह आज उन्होंने सुन ली। उनके बच्चों की हत्या करने वालों को एक-एक कर सजा मिलेगी। अभी जेल में बंद सभी हत्यारे कीड़ों की तरह मरेंगे। इनमें से एक भी नहीं बचेगा। सभी को सजा-ए-मौत से कम नहीं मिलनी चाहिए।
हत्यारोपित के परिजन अवाक
मामले में बांदा जिले के देहात कोतवाली क्षेत्र के छेहरांव गांव निवासी रामकेश यादव व उसके ममेरे भाई ङ्क्षपटा यादव निवासी चित्रकूट को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जेल में रामकेश के फांसी लगाने की जानकारी पर परिजन अवाक रह गए। पिता रामशरण व बड़े भाई रामबहादुर यादव ने बताया कि रामकेश ने दो वर्ष पहले ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट से बीएड किया था। उसी दौरान वह दोनों बच्चों को पढ़ाता था। इसके अलावा अमावस्या पर तेल का व्यवसाय भी करता था। उसे शक के आधार पर फंसाया गया था। चार मई को छोटा भाई रामनारायण व बहन श्यामा देवी मिलाई करने सतना गए थे। तब रामकेश ने बताया था कि उसे तेल व्यवसायी के इशारे पर पीटकर प्रताड़ित किया जाता है। बताया कि रामकेश फांसी नहीं लगा सकता है।
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