जान लेने लगा हेपेटाइटिस का संक्रमण, बचने के लिए बरतें ये सावधानियां
पीडि़त एक किशोरी की मौत हेपेटाइटिस ए और ई से पीडि़त कई बच्चे बाल रोग चिकित्सालय में भर्ती।
कानपुर, जेएनएन। हेपेटाइटिस ए के संक्रमण से नौबस्ता की 15 साल की किशोरी की मौत हो गई। उसे गंभीर हालत में रविवार को मेडिकल कालेज से संबद्ध जच्चा बच्चा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके लिवर में सूजन थी। संक्रमण की वजह से हिपेटिक इनसीफलोपैथी का अटैक आ गया। यह हेपेटाइटिस की चौथी और पांचवीं स्टेज होती है। इसमें लिवर खून में मौजूद हानिकरक तत्वों का साफ नहीं कर पाता, जिससे ब्रेन डैमेज (मस्तिष्क क्षति) हो जाता है। यह समस्या 100 में से एक या दो मरीजों में होती है। बाल रोग चिकित्सालय में हेपेटाइटिस ए व ई से पीडि़त कई बच्चे भर्तीे हैं। सोमवार की ओपीडी में इसी तरह के लक्षण वाले कई बच्चों को लेकर उनके परिजन पहुंचे।
कटे फल, जूस से बढ़ी समस्या
गर्मियों में कटे हुए फल, जूस, शर्बत, दूषित पानी के प्रयोग से बच्चे हेपेटाइटिस ए और ई की चपेट में आ रहे हैं। उनमें पेट दर्द, लिवर में सूजन, उल्टी, दस्त की दिक्कत बढ़ गई है। कुछ ने बाहर का खाना, फास्ट फूड, तेल की तली हुई चीजें खाई थीं।
क्या है हेपेटाइटिस
हेपेटाइटिस वायरस के कारण होने वाली बीमारी है। यह दो तरह की होती हैं। एक एक्यूट और दूसरी क्रॉनिक है। संक्रमण जल्दी सही हो जाए तो एक्यूट और छह महीने तक सही न होने पर क्रॉनिक कहलाता है।
हेपेटाइटिस ए : विषाणु जनित रोग है। लिवर में सूजन आ जाती है। इसमें लिवर रक्त से बिलीरुबिन को साफ नहीं कर पाता है। पीले रंग की पेशाब होना, जी मचलाना, पेट में दर्द की परेशानी होती है।
हेपेटाइटिस ई : जल जनित रोग है। इसके लक्षण आसानी से दिखाई नहीं देते हैं। अमूमन दो महीने बाद ही दिक्कत समझ में आती है। बुखार, पेट में दर्द, थकान, जी मचलाता है।
क्या करें और क्या न करें
-फटे फल और जूस के सेवन से परहेज
-केवल घर का शर्बत, नींबू, शिकंजी ही पीएं
-फास्ट फूड और बाहर के खाने से बचें।
-बर्फ के गोले या आइसक्रीम न खाएं
-दुकानों के बाहर ड्रम या डिब्बे का पानी न पीएं
क्या बोले चिकित्सक
गर्मियों में बच्चों का ध्यान देने की जरूरत है। घर से निकलते समय पानी की बोतल लेकर चलें। जल जनित रोग काफी तेजी से फैल रहे हैं। ओपीडी में कई संभावित रोगी आ रहे हैं।
-डॉ. एके आर्या, बाल रोग विशेषज्ञ जच्चा बच्चा अस्पताल
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप