शहर में हवा की सेहत सुधारेंगे डॉक्टर, करेंगे जागरूक
आइएमए की डक्टर्स फॉर क्लीन एयर मुहिम का शहर में आगाज कल, बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में जुटेंगे जिम्मेदार अधिकारी एवं प्रोफेशनल्स
जागरण संवाददाता, कानपुर : शहर की हवा में घुलते प्रदूषण के दुष्प्रभावों से आमजन को जागरूक कराया जाएगा। उन्हें छोटी-छोटी आदतों में सुधार कर इसे बेहतर बनाने के टिप्स भी दिए जाएंगे। शहर की हवा की सेहत सुधारने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के डॉक्टर आगे आए हैं। इसके लिए डक्टर्स फॉर क्लीन एयर मुहिम का आगाज रविवार को बीएनएसडी शिक्षा निकेतन से होगा। इसमें डॉक्टरों के अलावा जिम्मेदार अधिकारी एवं प्रोफेशनल्स शिरकत करेंगे।
परेड स्थित आइएमए भवन में शुक्रवार को हुई प्रेसवार्ता में अध्यक्ष डॉ. अर्चना भदौरिया, सचिव डॉ. बृजेंद्र शुक्ला, डॉक्टर्स फार क्लीन एयर के यूपी चैप्टर के निदेशक डॉ. शिवाकांत मिश्रा, प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ. प्रवीन कटियार ने बताया कि हवा में घुलित पार्टिकुलेट मैटर (पीएम), दुष्प्रभावी गैसों, धातुओं एवं हानिकारक केमिकल्स सांसों के जरिए फेफड़े में पहुंच रहे हैं। एक दिन में हम 25 हजार बार सांस लेते हैं, इस दौरान 10 हजार लीटर हवा सांस के दौरान फेफड़े के अंदर जाती है। हर सांस के साथ हानिकारक तत्व शरीर के अंदर पहुंच कर नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसकी वजह से बिना सिगरेट के लोग स्मोकर बन रहे हैं। इससे अस्थमा, सीओपीडी (क्रॉनिक आब्सट्रेक्टिव पल्मोनरी डिजीज), लंग्स फाइब्रोसिस, टीबी, हाइपरटेंशन, हार्ट अटैक व जेनेटिक म्यूटेशन (बदलाव) जैसी समस्याएं हो रही हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वर्ष 2018 में दुनियाभर के सबसे प्रदूषित शहरों में कानपुर को रखा था। इसलिए सब मिलकर इस दाग को मिटाने का रविवार को संकल्प लेंगे। इसे दूर करने की कार्ययोजना बनाएंगे। इसमें सरकार के नुमाइंदे से लेकर आमजन भी सहयोग करेंगे। इस मुहिम में आइएमए के अलावा, लंग केयर फाउंडेशन तथा हेल्थ केयर बिथआउट हार्म संस्थान का भी सहयोग है।
यह भी होंगे शामिल
देशभर से चुनिंदा डॉक्टर, हार्टिकल्चर विशेषज्ञ, आइआइडी के विशेषज्ञ, अधिवक्ता, चार्टर्ड अकाउंटेंट, शिक्षक, जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, नगर निगम व केडीए के अधिकारी शामिल होंगे।
इससे बचाव संभव
खाना बनाने में एलपीजी या सीएनजी का इस्तेमाल, कोयला, कंडा, लकड़ी न जलाएं, टायर-रबर या पॉलीथिन न जलाएं, निर्माण सामग्री ढक कर रखें। अतिक्रमण न करें, चौराहों से 200 मीटर दूर वाहन खड़ा करें, जाम लगने पर वाहन बंद कर दें
इस पहल की जरूरत
पेट्रोल-डीजल की जगह सीएनजी, इलेक्ट्रॉनिक वाहन का इस्तेमाल करें, सोलर ऊर्जा का इस्तेमाल करें, जेनरेटर के इस्तेमाल से बचें।