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1.87 लाख कार्डो से हुआ प्रदेश में राशन घोटाला, वसूला जाएगा एक-एक दाना

सूबे के 43 जिलों में तकरीबन दो लाख लाभार्थियों का हड़पा गया राशन, चार बिंदुओं पर जांच के आदेश

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Sep 2018 04:00 PM (IST)Updated: Thu, 27 Sep 2018 04:00 PM (IST)
1.87 लाख कार्डो से हुआ प्रदेश में राशन घोटाला, वसूला जाएगा एक-एक दाना
1.87 लाख कार्डो से हुआ प्रदेश में राशन घोटाला, वसूला जाएगा एक-एक दाना

जागरण संवाददाता, कानपुर : प्रदेश के 43 जिलों में तकरीबन दो लाख लाभार्थियों का राशन हड़प लिया गया। पर्दाफाश होने के बाद खाद्य एवं रसद विभाग एक-एक दाना वसूलने की तैयारी में है। विभाग ने एक-एक राशन कार्ड का विवरण निकालने के साथ जिला पूर्ति अधिकारियों को चार बिंदुओं पर जांच करने के आदेश दिए हैं।

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खाद्य एवं रसद विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई माह में आधार कार्ड का दुरुपयोग कर ई-पॉश मशीनों से 187635 ट्रांजेक्शन हुए। यानि कि इतने राशन कार्डो का डाटा पहले एनआइसी सर्वर से हटाया गया। इसके बाद फर्जी आधार लगाकर राशन का आवंटन कराया और फिर से लाभार्थियों का नाम जोड़ दिए। प्रदेश भर में बड़े पैमाने पर ये खेल किया गया। अकेले कानपुर में ही 17 आधार ऑथेंटिकेशन का दुरुपयोग कर 9290 राशन उपभोक्ताओं का 2322 क्विंटल राशन कोटेदार खा गए। अब खाद्य एवं रसद विभाग की मंशा राशन घोटाले का एक-एक दाना वसूलने की है। इसके चलते विभाग ने प्रदेश के सभी जिलापूर्ति अधिकारियों को आधार ऑथेंटिकेशन सुविधा के दुरुपयोग की जांच के लिए पत्र भेजा है। जिला पूर्ति अधिकारियों से चार बिंदुओं पर चार के निर्देश दिए गए हैं। इसकी रिपोर्ट जिला पूर्ति अधिकारियों को 15 दिन के अंदर आयुक्त खाद्य एवं रसद विभाग को भेजनी है।

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इन बिंदुओं पर होगी जांच

- दुरुपयोग किया गया राशन कार्ड पात्र का है अथवा अपात्र का

-दुरुपयोग किए गए राशन कार्ड धारक एवं उससे संबद्ध यूनिट अथवा परिवार वास्तव में अस्तित्व में है या नहीं

-दुरुपयोग किए गए राशन कार्ड के सापेक्ष किन आवश्यक वस्तुओं में कितनी का आहरण प्रदर्शित किया गया है

-यदि उक्त राशन कार्ड पर वास्तविक लाभार्थी को आवश्यक वस्तुएं प्राप्त हुई हैं तो उसका भी उल्लेख रिपोर्ट में हो

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रिपोर्ट बनाई जा रही है। 17 आधार कार्ड की पूरी रिपोर्ट यूआइएडीआइ से अभी प्राप्त नहीं हुई है इसलिए उक्त आधार वैधानिक हैं अथवा अवैधानिक, बता नहीं सकते।

-अखिलेश कुमार श्रीवास्तव, जिलापूर्ति अधिकारी

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कोटेदारों की हड़ताल, उपभोक्ता होंगे बेहाल

कोटेदारों की हड़ताल को समाप्त करने की कवायद भी आपूर्ति अधिकारी कर रहे हैं लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। हड़ताल के चलते राशन का उठान नहीं हो पा रहा है, जिससे तय है कि उपभोक्ताओं को इस माह भी समय से राशन नहीं मिलेगा। जिले में करीब 1500 राशन कोटेदार हैं। प्रतिमाह की दर से 11,760 मीट्रिक टन गेहूं और चावल कोटेदार उपभोक्ताओं को वितरित करते हैं। ऐसा करने के लिए आरएफसी व अन्य गोदामों से राशन के उठान के लिए कोटेदारों को प्रत्येक माह की 20 तारीख से 31 तारीख तक का वक्त दिया जाता है। कोटेदारों की हड़ताल के चलते अभी राशन का एक दाने का भी गोदामों से उठान नहीं किया गया जबकि छह दिन बीत चुके हैं। ऐसे में चार दिनों में इतनी बड़ी मात्रा में राशन का उठान संभव भी नहीं है। तय है कि सितंबर की तरह अक्टूबर में भी उपभोक्ताओं को तय समय से राशन वितरित नहीं हो पाएगा।

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बैठक रही बेनतीजा

कोटेदारों की हड़ताल समाप्त कराने के लिए बुधवार को एडीएम आपूर्ति वीके पांडेय ने कोटेदार एसोसिएशन के पदाधिकारियों संग बैठक की। मान मनौव्वल के बाद भी कोटेदार अपनी मांगों पर अड़े रहे। उनका कहना था कि दूसरे जिलों में हड़ताल अभी भी चल रही है। ऐसे में वह उनकी अनदेखी नहीं कर सकते। वहां से हड़ताल खत्म हुई तो यहां भी खत्म हो जाएगी। एडीएम आपूर्ति ने बताया कि वार्ता सकारात्मक रही। हड़ताल जल्द खत्म हो जाएगी। बैठक में दिनेश द्विवेदी, मनीष गुप्ता, कैफ मोहम्मद खान, श्यामबाबू दिवाकर, कमल मिश्र, विजय कनौजिया आदि उपस्थित रहे।

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इन मांगों पर अड़े हैं कोटेदार

- राशन की डोर स्टेप डिलीवरी की जाए।

- प्रति क्विंटल 200 रुपये का कमीशन दिया जाए।

- प्रत्येक दुकान में 800 राशन कार्ड अथवा 4000 यूनिट लगाने का मानक तय हो।


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