दुर्लभ ट्यूमर निकाल बचाई बच्चे की आंख की रोशनी
जागरण संवाददाता, कानपुर : जीएसवीएम मेडिकल कालेज से संबद्ध एलएलआर अस्पताल (हैलट) में ऑर्बिटल ट्यूम
जागरण संवाददाता, कानपुर :
जीएसवीएम मेडिकल कालेज से संबद्ध एलएलआर अस्पताल (हैलट) में ऑर्बिटल ट्यूमर से पीड़ित ढाई वर्षीय बच्चे के आंख की बुधवार को जटिल सर्जरी हुई। नेत्ररोग विभागाध्यक्ष डॉ. आरसी गुप्ता ने सफलतापूर्वक ट्यूमर निकाला है। उसकी आंख की रोशनी (नेत्र ज्योति) बचाने में भी कामयाब रहे। ऑर्बिटल ट्यूमर से दृष्टि को क्षति पहुंचती है। आंखों में भेंगापन भी हो सकता है।
कानपुर छावनी निवासी वीर आर्डिनेंस इक्यूपमेंट फैक्ट्री (ओईएफ) के संविदा कर्मचारी हैं। उनके ढाई वर्षीय पुत्र मेगा की दाहिनी आंख में जन्मजात सूजन थी। बच्चे के पिता वीर ने बताया कि समय के साथ सूजन बढ़ती गई। एक साल पहले एलएलआर अस्पताल के नेत्र रोग की ओपीडी में दिखाया था। डॉक्टरों ने दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जाने के लिए कहा, क्योंकि यहां के आपरेशन थिएटर में वैसी उच्चस्तरीय सुविधाएं नहीं थीं। आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर वहां नहीं जा सके। जब बच्चे को पूरी तरह दिखना बंद हो गया तो एक सप्ताह पहले एलएलआर में नेत्र रोग की ओपीडी में विभागाध्यक्ष डॉ. आरसी गुप्ता को दिखाया। डॉ. गुप्ता ने बताया कि बच्चे की आंख का एमआरआइ कराने पर ऑर्बिट में ट्यूमर का पता चला, बाद में बायोप्सी कराई। इससे कैंसर न होने का पता चला। बुधवार सुबह डेढ़ घंटे चले आपरेशन में आर्बिटल ट्यूमर को पूरी तरह से हटा दिया। इससे बच्चे की नजर पूरी तरह से ठीक हो गई।
बच्चों में दुर्लभ है यह ट्यूमर
डॉ. गुप्ता का कहना है कि बच्चों में आर्बिटल ट्यूमर के मामले दुर्लभ होते हैं। यहां सर्जरी मुफ्त हुई, जबकि लखनऊ-दिल्ली में 50 हजार रुपये तक खर्च आता।