बेनामी संपत्ति वाले एक हजार लोगों पर नजर
जागरण संवाददाता, कानपुर : आय घोषणा योजना (आइडीएस) के साथ केंद्र सरकार ने कालेधन पर शिकंजा कसना शु
जागरण संवाददाता, कानपुर :
आय घोषणा योजना (आइडीएस) के साथ केंद्र सरकार ने कालेधन पर शिकंजा कसना शुरू किया था, अब सरकार बेनामी संपत्ति कानून के जरिए सीधी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। आयकर महानिदेशक (जांच) कार्यालय ने विभिन्न माध्यमों से चल या अचल बेनामी संपत्ति रखने वालों के बारे में जानकारी एकत्र की है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में ऐसे करीब एक हजार लोगों की पहचान की गई है। इनके बारे में और सूचना एकत्र की जा रही है।
मंगलवार को लखनऊ में पश्चिमी उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड सर्किल के जांच विभाग से जुड़े अधिकारियों की कार्यशाला बुला बेनामी संपत्ति के मामले में कार्रवाई की प्रक्रिया की जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि किस तरह से जांच करना है, कौन से बिंदुओं पर ध्यान रखना है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक हजार से ज्यादा संपत्तियां जांच के घेरे में हैं। इनकी जांच में जैसे ही संपत्ति बेनामी के दायरे में आएगी, सरकार उसे जब्त कर लेगी। यह संपत्ति चल व अचल किसी भी रूप में हो सकती है।
बता दें, आय घोषणा योजना के बाद नौ नवंबर 2016 पांच सौ, एक हजार रुपये के नोटों को चलन सेबाहर करने व प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के साथ ही बेनामी लेनदेन (रोकथाम) संशोधित अधिनियम 2016 कानून एक नवंबर 2016 से प्रभावी हुआ। 31 मार्च 2017 को पीएमजीकेवाई बंद होने के बाद अब सरकार का सारा ध्यान बेनामी संपत्ति पर केंद्रित हो गया है। लखनऊ में हुई कार्यशाला सरकार की इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
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दायरे में आएंगे ऐसे लेनदेन
øø ऐसे लेनदेन जिसमें संपत्ति एक व्यक्ति के नाम पर खरीदी या रखी जाती है और प्रतिफल किसी और व्यक्ति द्वारा दिया गया है। संपत्ति से उत्पन्न प्रत्यक्ष या परोक्ष वर्तमान व भविष्य के लाभ प्रतिफल देने वाले व्यक्ति के होंगे।
øø ऐसे लेनदेन जिसमें संपत्ति ऐसे व्यक्ति के नाम पर है जिसका कोई अस्तित्व नहीं है या वह काल्पनिक है।
øø ऐसे लेनदेन जहां पर संपत्ति ऐसे व्यक्ति के नाम पर है जिसे लेनदेन के बारे में पता ही नहीं है या संपत्ति के स्वामित्व का अधिकार लेने से मना कर देता है।
øø ऐसे लेनदेन जिसमें प्रतिफल का भुगतान करने वाला व्यक्ति काल्पनिक है अथवा जिसके बारे में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है।
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दोषी को सात वर्ष तक की कैद
संशोधित कानून की धारा 53 में यदि कोई व्यक्ति बेनामी लेनदेन में दोषी पाया जाता है तो उसे एक से सात वर्ष तक की कैद एवं बेनामी संपत्ति के उचित बाजारी मूल्य का 25 फीसद जुर्माने के रूप में देना होगा। इसके अतिरिक्त धारा 54 के तहत किसी व्यक्ति ने बेनामी संपत्ति के लिए गलत सूचना व प्रलेख दिए हैं तो छह माह से पांच साल तक के लिए कारावास एवं बेनामी संपत्ति के उचित बाजारी मूल्य का 10 फीसद जुर्माना देय होगा।
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आएंगे दूरगामी परिणाम
øø इस कानून के आने से रीयल इस्टेट में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
øø संपत्ति के स्वामित्व में पारदर्शिता आने से वित्तीय संस्थाएं क्रेताओं को बेहतर शर्तो और नियम के साथ गृह प्रदान कर सकेंगी।
øø सरकार को अर्थ व्यवस्था में कालेधन के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी।
øø बेनामी लेनदेन के माध्यम से कुछ कंपनियां संपत्ति की कीमत बढ़ा देती थीं। अधिनियम के बाद अंतिम उपभोक्ता ही संपत्ति के क्रय विक्रय में अधिकतम भागीदार होंगे जिससे संपत्ति के मूल्य का सही आकलन होगा। अंतिम उपभोक्ता को ही सही कीमतों पर संपत्ति मिलेगी