'घर से स्कूल तक पहुंचने वाले बच्चों में इजाफा'
जागरण संवाददाता, कानपुर: प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के सौ फीसद नामांकन का हर सा
जागरण संवाददाता, कानपुर: प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के सौ फीसद नामांकन का हर साल रोना रोने वाले अफसरों के लिए ड्रॉपआउट में मामूली सुधार उम्मीदों को पंख लगने जैसा है। अफसरों ने जब साल 2015-16 और 16-17 के आंकड़े देखे तो और कड़ी मेहनत का दावा किया। उनका कहना है सौ फीसद नामांकन और स्कूल चलो अभियान को सफल बनाने पर पूरा जोर होगा। ऐसे में कहा जा सकता है घर से स्कूल तक पहुंचने वाले बच्चों में इजाफा हुआ है। दरअसल हर वर्ष जो स्कूल चलो अभियान की सच्चाई सामने आती वह महज कागजों पर सरकारी आंकड़ों को दर्ज करने जैसी होती है। इसलिए जानकारों का कहना है बच्चों के नामांकन को लेकर करोड़ों रुपये खर्च भी विभाग की ओर से किए जाते हैं। मगर नतीजा सिफर रहता है। ऐसे में अगर ड्रॉपआउट रेट सुधरा है तो यह बंजर भूमि पर फसल की शुरूआत जैसा है।
--------------------------
साल 2015-16 में ड्रॉपआउट रेट: 4.53
साल 2016-17 में ड्रॉपआउट रेट: 4.03
साल 2015-16 में बच्चों के नामांकन: 6.32 लाख
साल 2016-17 में बच्चों के नामांकन: 6.74 लाख
--------------------------
ड्रॉपआउट रेट को बेहतर करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। जिस स्तर पर कमियां हैं उन्हें दूर करेंगे।
अंबरीष यादव, बीएसए