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शहर में पहले मूक-बधिर को मिला लर्निग लाइसेंस

जागरण संवाददाता, कानपुर : प्रदेश में सबसे पहले मूक-बधिर (दिव्यांग) को लर्निग ड्राइविंग लाइसेंस कानपु

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 May 2017 01:20 AM (IST)Updated: Sat, 20 May 2017 01:20 AM (IST)
शहर में पहले मूक-बधिर को मिला लर्निग लाइसेंस
शहर में पहले मूक-बधिर को मिला लर्निग लाइसेंस

जागरण संवाददाता, कानपुर : प्रदेश में सबसे पहले मूक-बधिर (दिव्यांग) को लर्निग ड्राइविंग लाइसेंस कानपुर में मिला है। नयागंज दानाखोरी निवासी वीरेंद्र कुमार शुक्ला पहले ऐसे दिव्यांग हैं, जो वैध रूप से बाइक चलाएंगे।

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लाइसेंस विभाग के इंचार्ज एसबी सिंह ने बताया कि तीन दिन पहले वीरेंद्र 'दैनिक जागरण' में प्रकाशित समाचार की कटिंग लाकर इशारों से लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया पूछ रहा था। उसको सीएमओ से जांच व अन्य प्रक्रिया के बाबत बताया। पूरी करने के बाद उसने कंप्यूटर पर टेस्ट दिया और पास हो गया। वीरेंद्र का लर्निग लाइसेंस बन गया है। वे स्वरूप नगर स्थित एक पैथालाजी लैब में काम करते हैं।

21 को मिलेंगे लाइसेंस : इससे पहले 11 दिव्यांग आरटीओ के लर्निग ड्राइविंग टेस्ट में पास हो चुके हैं पर उनको अभी तक लाइसेंस नहीं दिया गया है। संस्था दिव्यांग डेवलपमेंट सोसाइटी के कार्यक्रम में उन्हें 21 मई को लाइसेंस मिलेंगे।


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