डिजिटल, कैशलेस से पहले व्यवस्था ठीक करें
जागरण संवाददाता, कानपुर : डिजिटल और कैशलेस से पहले इससे जुड़ी व्यवस्थाएं ठीक की जाएं। जरूरी चीजों को
जागरण संवाददाता, कानपुर : डिजिटल और कैशलेस से पहले इससे जुड़ी व्यवस्थाएं ठीक की जाएं। जरूरी चीजों को पूरा किए बिना इसे लागू करने से समस्या होगी। उद्यमियों और व्यापारियों के मुताबिक इसमें सबसे बड़ी समस्या नेट कनेक्टिविटी की है। साथ ही बड़ी संख्या में दुकानदारों के पास अभी स्वाइप मशीन नहीं है।
नार्दर्न इंडिया होजरी एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज बंका ने कहा कि सूक्ष्म व लघु उद्योग नोटबंदी के बाद से काफी संकट में हैं। बैंक का ब्याज चलता रहा, लेकिन कई उद्योग रुग्ण हो गए। जो कानून बड़े व मध्यम उद्योगों के लिए हैं, वही सूक्ष्म व लघु उद्योग के लिए हैं। जबकि इन दोनों में अंतर होना चाहिए। सूक्ष्म और लघु उद्योग पनप नहीं पा रहे हैं।
वहीं अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के महामंत्री ज्ञानेश मिश्रा का कहना है कि देश में निजी व सरकारी बैंकों द्वारा निजी खातों से चार बार से अधिक नकदी निकालने पर बैंक ट्राजेक्शन शुल्क लगने से डिजिटल व कैशलेस इंडिया योजना की सफलता में अड़चनें आएंगी। इससे लोग बैंक में धन जमा नहीं करेंगे। इसलिए शुल्क वापस लिया जाए। इसके साथ प्लास्टिक कार्ड व स्वाइप मशीन के इस्तेमाल पर लागू सभी बैंकिंग शुल्क समाप्त हों।