पॉलीथिन और कूड़े से बनेगी 15 मेगावाट बिजली
पनकी भाऊ सिंह स्थित कूड़ा निस्तारण प्लांट में पॉलीथिन और कूड़े से बिजली बनने का काम जल्द शुरू होगा।
जागरण संवाददाता, कानपुर : पनकी भाऊ सिंह स्थित कूड़ा निस्तारण प्लांट में पॉलीथिन और कूड़े से 15 मेगावाट बिजली का उत्पादन फिर शुरू होगा। सात साल पहले बिजली का उत्पादन ट्रायल के तौर पर शुरू हुआ था, लेकिन एटूजेड कंपनी बमुश्किल एक माह ही प्लांट चला सकी हालांकि अब आइएलएफएस ने रुचि दिखाई है। तीन माह में उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। अभी कंपनी यहां पॉलीथिन से ग्रीन कोल बना रही है।
नगर निगम अधिकारियों ने कूड़ा निस्तारण कर रही आइएलएफएस कंपनी के प्रबंधन को इसका प्रस्ताव दिया है। इस पर सहमति बन गई है। यहां जो भी बिजली बनेगी, उसे ग्रिड पर भेजा जाएगा। बिजली उत्पादन में प्रतिदिन 15 सौ टन कूड़ा और पॉलीथिन का इस्तेमाल होगा। हर रोज करीब दो सौ टन पॉलीथिन प्रयोग में लाई जाएगी वैसे अभी आइएएलएफएस कूड़ा, पॉलीथिन व कपड़े आदि से ग्रीन कोल यानी आरडीएफ (रिफ्यूज डेराइव्ड फ्यूल) बना रही है। इस कार्य में रोज 70 टन पॉलीथिन का उपयोग हो रहा है। डंपिंग ग्राउंड में शहर से रोज एक हजार टन कूड़ा उठाकर भेजा जाता है। इसमें लगभग 30 टन पॉलीथिन निकल रही है। प्रतिबंध के बाद अब पॉलीथिन फेंके जोन की वजह से इसकी मात्रा 50 टन हो गई है, हालांकि बाद में यह कम होती जाएगी लेकिन कूड़े में आई पॉलीथिन को बिजली उत्पादन के काम में ले लिया जाएगा। इसके बाद कूड़े से बिजली उत्पादन होगा।
डंपिंग ग्राउंड का काम देख रहे पर्यावरण अभियंता आरके पाल ने बताया कि कूड़े से खाद व इंटरलाकिंग टाइल्स का निर्माण कराया जा रहा है, इसके अलावा ग्रीन कोल बनाया जा रहा है। इसके बाद बचे दस फीसद कूड़े को जमीन में दबा दिया जाता है। यहां बनने वाला कोल मध्य प्रदेश के सतना स्थित एक सीमेंट कारखाना को भेजा जा रहा है।