उर्सला में दस दिन में फिर से शुरू होगी मनोरोग की ओपीडी
कानपुर, जागरण संवाददाता : उर्सला अस्पताल में मानसिक रोगियों का इलाज फिर से शुरू होगा। दस दिन के अंदर
कानपुर, जागरण संवाददाता : उर्सला अस्पताल में मानसिक रोगियों का इलाज फिर से शुरू होगा। दस दिन के अंदर यहां मनोरोग विशेषज्ञ की तैनाती होगी। साथ ही ओपीडी भी शुरू हो जाएगी। मनोरोग विशेषज्ञ के रूप में यहां तैनात प्रमुख परामर्शदाता का मई में स्थानांतरण के बाद से ओपीडी ठप हो गई थी। ऐसे में यहां के मरीजों को जीएसवीएम मेडिकल कालेज भेज दिया गया था।
उर्सला अस्पताल में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के मनोरोग विभाग के सहयोग से तीन दिन मनोरोग की ओपीडी चलती थी। ओपीडी में केजीएमयू की तरफ से चिकित्सक, कर्मचारी एवं दवा तक उपलब्ध कराई जाती थीं। इसकी मानीट¨रग उर्सला के मुख्य परामर्शदाता एवं मनोरोग विशेषज्ञ मेजर डॉ. आरके सक्सेना करते थे। राष्ट्रीय कार्यक्रम में बजट की दिक्कत की वजह से केजीएमयू ने हाथ समेट लिए है। वहीं मई 2015 में मेजर डॉ. आरके सक्सेना का उर्सला से स्वास्थ्य निदेशालय स्थानांतरण हो गया। इसके बाद से ओपीडी पूरी तरह ठप हो गई। जबकि उर्सला की मनोरोग की ओपीडी में औसतन 60-70 मानसिक रोगी इलाज के लिए रोज आते थे। ओपीडी ठप होने से मरीजों को इलाज के लिए जीएसवीएम मेडिकल कालेज के मनोरोग विभाग भेज दिया गया। इस संबंध में उर्सला के निदेशक डॉ. अनुराग राजवंशी ने बताया कि मरीजों की समस्या को देखते हुए केजीएमयू के अफसरों ने केंद्र सरकार से बजट मुहैया करा लिया है। उर्सला की ओपीडी के लिए एक एमडी साइकियाट्रिक एवं कर्मचारी भी तैनात कर दिए हैं। दस दिन के अंदर ओपीडी शुरू हो जाएगी।
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सूबे में महज 12 मनोरोग विशेषज्ञ
स्वास्थ्य विभाग में महज 12 मनोरोग चिकित्सक हैं, जबकि सूबे में 75 जिले हैं। ऐसे में सभी जिला अस्पतालों में मनोरोग चिकित्सक की तैनाती संभव नहीं है। इसलिए भारत सरकार के राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत इलाज मुहैया कराया जाता है।