पुस्तकें सबसे अच्छी मित्र
कानपुर,जागरण संवाददाता: पुस्तकें सबसे अच्छी मित्र होती हैं जो आनंद देती हैं और जीवन में तरक्की का मा
कानपुर,जागरण संवाददाता: पुस्तकें सबसे अच्छी मित्र होती हैं जो आनंद देती हैं और जीवन में तरक्की का मार्ग प्रशस्त करती हैं। पुस्तकें हमेशा खरीदकर पढ़नी चाहिए। मांगनी ही पड़ें तो वापस जरूर करें। बुजुर्गो के लिए ई-पुस्तकालय भी शुरू किए जाने चाहिए।
ये विचार राज्यपाल राम नाइक ने सरयू नारायण बाल विद्यालय, नवाबगंज में बुधवार से शुरू हुए नौवें राष्ट्रीय पुस्तक मेला का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा, पुस्तक मेला से प्रकाशकों, पाठकों व लेखकों सभी को लाभ मिलता है। लेखक शाश्वत मूल्यों पर केंद्रित पुस्तकें लिखें ताकि उनकी प्रासंगिकता हमेशा बनी रही। वरिष्ठ नागरिकों को पुस्तकालयों तक जाने में दिक्कतें होती हैं, इसलिए ई-पुस्तकालय शुरू कर मांग के अनुरूप जरूरी पुस्तकें उन तक पहुंचाई जाएं। महापौर जगतवीर सिंह द्रोण, पं. बद्रीनारायण तिवारी व डॉ. आरएन त्रिवेदी ने यहां के पौराणिक व ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला। व्यावसायिक शिक्षा मंत्री प्रो.अभिषेक मिश्र व विधायक सतीश निगम ने पुस्तकें देखीं। संयोजक अरुण प्रकाश अग्निहोत्री ने कहा, पहले पुस्तक मेला पर शहर को ड्राई सिटी बताकर उन्हें हतोत्साहित किया गया था। पिछले मेले में 70 लाख रुपए कि पुस्तकों की बिक्री से उनको सोच को बदला है। संचालन डॉ. कमल मुसद्दी व धन्यवाद ज्ञापन अनिल खेतान ने दिया।
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खेत व सड़कें देखने का मन था
राज्यपाल ने कहा कि वह लखनऊ से कार से यहां आना चाहते थे। इच्छा थी कि यहां की सड़कें, गांव व आसपास के खेत नजदीक से देखें परंतु समय व भारी पुलिस व्यवस्था के हवाला दिया गया तो हेलीकॉप्टर से आया।
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10 से 2 हजार मूल्य की पुस्तकें
मेले में 24 बड़े प्रकाशकों की विज्ञान व प्रौद्योगिकी, साहित्य, ज्योतिष, बाल साहित्य, अर्थशास्त्र, कला, धर्म व अध्यात्म सहित अन्य विषयों पर दस रुपए से दो हजार रुपए मूल्य तक की पुस्तकें हैं। मेला नौ अक्टूबर तक प्रात: दस से सायं आठ बजे तक चलेगा।