पीएम आवास के साथ 10 फीसद व्यावसायिक निर्माण की छूट
प्रधानमंत्री आवास योजना के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने बिल्डरों को 10 प्रतिशत व्यावसायिक निर्माण की छूट दी है।
जागरण संवाददाता, कानपुर: प्रधानमंत्री आवास योजना के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने बिल्डरों को कई सुविधाएं दी हैं। पीएम आवास के निर्माण के साथ ही तय जगह में 10 फीसद तक व्यावसायिक निर्माण भी करा सकते हैं। इसके अलावा वाह्यं शुल्क की देयता में 50 फीसद की छूट है। प्रदेश सरकार द्वारा जारी गाइड लाइंस में केडीए को तीन साल में 40 हजार पीएम आवास बनाने का लक्ष्य दिया गया है। अभी दस हजार में 7800 बन रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा आवास बनाने के लिए बिल्डरों का सहयोग लिया जा रहा है। इसके लिए कई जगह छूट भी दी जा रही है।
ये है नियम
0 विकास कार्यो की लागत कम करने तथा भूमि का ज्यादा प्रयोग करने पर ग्राउंड समेत तीन मंजिल की जगह बहुमंजिला इमारत का निर्माण किया जाना। नौ मंजिला तक निर्माण हो सकता है।
0 विकास कार्यो की सुनिश्चित करने के लिए बंधक रखे जाने वाली भूमि व बैंक गारंटी के स्थान पर मात्र भूमि बंधक रखी जाएगी।
0 स्थल विकास सहित भवनों की निर्माण अवधि 18 माह के स्थान पर 24 माह
0 लाभार्थी द्वारा कब्जा के समय देय अवशेष 75 फीसद (अधिकतम डेढ़ लाख रुपये) धनराशि का भुगतान तीन छमाही किस्तों में किया जाना।
0 वृहद व आकस्मिक अनुरक्षण के लिए लाभार्थियों से निर्धारित मूल्य की एक फीसद धनराशि कारपस फंड में जमा कराया जाना। इस हिसाब से फ्लैट की लागत मूल्य का दो फीसद आवंटी को देना होगा। सुविधाओं का हस्तानांतरण होने के उपरान्त फंडों की धनराशि आरडब्ल्यूए को हस्तगत किया जाना है।
0 साढ़े चार लाख रुपये के फ्लैट में आवंटी को नौ हजार रुपये रखरखाव का फंड के रूप में देना होगा।
0 प्रस्तावित योजना के कुल क्षेत्रफल का अधिकतम एक एफएआर दूसरी जगह टीडीआर के रूप में निश्शुल्क अनुमन्य किया गया है।
0 योजना स्थल की सीमा से अधिकतम 50 मीटर की दूरी तक सीवरेज ड्रेनेज विद्युतीकरण की सुविधा मुहैया करानी होगी।
0 केंद्र व प्रदेश सरकार की धनराशि को मांग के आधार पर सूडा द्वारा पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से सीधे हस्तानान्तरित किया जाएगा।
पांच सौ रुपये स्टांप पर करें पीएम आवास की रजिस्ट्री
पीएम आवास योजना के फ्लैटों की रजिस्ट्री मात्र पांच सौ रुपये के स्टांप पर होगी। हालांकि आवंटी को अब दो लाख रुपये के साथ ही रखरखाव के लिए नौ हजार रुपये और देने होंगे।