राजकीय मेडिकल कॉलेज में एंबुलेंस चार और चालक एक
संवाद सहयोगी, तिर्वा: राजकीय मेडिकल कालेज में मरीजों को लाने-जाने के लिए चार एंबुलेंस हैं
संवाद सहयोगी, तिर्वा: राजकीय मेडिकल कालेज में मरीजों को लाने-जाने के लिए चार एंबुलेंस हैं लेकिन इनको चलाने के लिए एक ही चालक है। इससे तीन एंबुलेंस शोपीस बनकर खड़ी है। रखरखाव के अभाव में दो एंबुलेंस कबाड़ हो चुकी हैं।
राजकीय मेडिकल कालेज में ओपीडी 2009 में शुरू कर दी गई थी। वर्ष 2012 में एमबीबीएस की मान्यता मिली थी। मान्यता वर्ष में कानपुर हैलट से एक एंबुलेंस यहां पर भेजी गई थी। इसका एक भी बार इस्तेमाल नहीं किया गया। इसे कुछ दिनों बाद शासन के निर्देशों पर एक अत्याधुनिक क्रिटिकल केयर एंबुलेंस की खरीद करीब आठ करोड़ से की गई। उसको भी अभी तक इस्तेमाल नहीं किया गया। कारण, चालक की कमी और क्रिटिकल एंबुलेंस चलाने के लिए मेडिकल कालेज प्रशासन के पास कोई प्रशिक्षित चालक भी नहीं है। इसके बाद सामान्य तौर पर दो एंबुलेंस की खरीद राजनैतिक सहायता से की गई। चार एंबुलेंस में से महज एक एंबुलेंस ही इमरजेंसी के बाहर खड़ी रहती है। दो एंबुलेंस पूरी तरह से कबाड़ा में तब्दील हो चुकी और क्रिटिकल एंबुलेंस भी कबाड़ तब्दील होती जा रही है। जिम्मेदार बोले
प्रशिक्षित चालक की तैनाती के बिना क्रिटिकल एंबुलेंस को चलाना संभव नहीं है। अत्याधुनिक एंबुलेंस है। एक चालक की तैनाती कर दी गई जाएगी। इससे जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा।
-डॉ. दिलीप ¨सह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, राजकीय मेडिकल कालेज।