बिजली के जर्जर तारों में उलझी किसानों की जिदगी
संवाद सहयोगी तिर्वा बिजली के जर्जर तारों में किसानों की जिदगी उलझी है। गांव की गलियों स
संवाद सहयोगी, तिर्वा : बिजली के जर्जर तारों में किसानों की जिदगी उलझी है। गांव की गलियों से लेकर खेतों में जर्जर तार लटक रहे। खेतों में फसलों को और गलियों में छतों को तार छू रहे। इनसे कई बार हादसे भी हो चुके, लेकिन समस्या दूर नहीं हो सकी। किसानों ने बताया कि इस समस्या के निदान हेतु कई अधिकारियों से गुहार लगाई। लेकिन, निदान अभी तक नहीं मिल पाया। तहसील क्षेत्र के करीब 40 गांव में बिजली के तार जर्जर है। इनको करीब 10 से 15 वर्ष पूर्व डाला गया था। तब से अभी तक तारों को बदला नहीं जा सका। गर्मियों में यह तार गर्म होकर टूट जाते हैं। तारों को दूसरे तार से बांधकर जोड़ दिया जाता है। इससे तारों की हालत पूरी तरह से जर्जर हो गई है। जर्जर होने से तारों आपस में ही टकरा जाते हैं। इससे तारों में बांस के डंडे बांधकर काम चलाया जा रहा। जहां पर तार ज्यादा ढीले है, वहां पर बल्लियों व पेड़ में तारों को बांधकर काम चलाया जा रहा है। इन जर्जर तारों की चपेट में आकर कई बार फसलें जलकर रख हो चुकी और कई ग्रामीणों की मौत भी हो चुकी है।
इन जगहों पर दिक्कतें ज्यादा:
डम्मरपुर, धर्मपुर, नौरंगपुर नगरिया, बरुआहार, बरधइया, प्रतापपुर, टूसावरी, पट्टी पवोरा, चितापुर्वा, सखौली, बहादुरपुर, मनीपुर्वा, चंदियापुर, अगौस, कनौली, पट्टी, दिलीप नगर, सिरसा, कुंडवापुर समेत कई ऐसे गांव जहां पर दिक्कतें ज्यादा है।
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ज्यादातर जर्जर तारों को बंच केबल में बदला जा चुका। इससे समस्या दूर कर दी गई। फिर भी कहीं पर जर्जर तार है तो उनको जल्द ही बदला जाएगा।
-सुधांशु श्रीवास्तव, एसडीओ, विद्युत