नर्सरी की कक्षा लगा मजबूत कर रहे 'नींव'
जागरण संवाददाता, कन्नौज : स्कूल में एलकेजी-यूकेजी की कक्षाएं संचालित होने की बात आते ही का
जागरण संवाददाता, कन्नौज : स्कूल में एलकेजी-यूकेजी की कक्षाएं संचालित होने की बात आते ही कांवेंट स्कूल की तरफ ध्यान जाता है। हालांकि जिले में एक परिषदीय स्कूल ऐसा भी है जहां नौनिहालों की नींव मजबूत करने को उन्हें प्री-प्राइमरी की शिक्षा दी जा रही है। बच्चों को स्कूल लाने व उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित करने को जेब खर्च से ड्रेस, बैग, किताबें और जूता मोजा दिया जाता है। यह पहल आज से पांच साल पहले शुरू की गई थी।
मदन मोहन पांडेय की फरवरी 2009 गुगरापुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय विचपुरिया में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति हुई तो उन्होंने देखा पांच साल से अधिक उम्र के भी नौनिहाल स्कूल नहीं आ रहे थे। उन्होंने प्रधानाध्यापक आनंद गोपाल से नर्सरी की कक्षा लगाने के लिए कहा तो वह पहले अफसरों के डर से राजी नहीं हुए लेकिन बाद में अच्छी पहल देख मान गए। चार साल बाद 2013 में स्कूल के अतिरिक्त कक्ष में ही नर्सरी की कक्षा लगने लगी। वह अतिरिक्त समय में इन बच्चों को पढ़ाने लगे। उन्होंने अपने पास से खर्च करके बच्चों को ड्रेस, बैग, किताबें, जूता-बैग वितरित करना शुरू किया तो बच्चों की संख्या बढ़ती गई। आज प्री-प्राइमरी में 15-20 बच्चे बिना नामांकन के पढ़ रहे हैं। डीएम ने यहां का शैक्षिक स्तर अच्छा देख बच्चों के लिए फर्नीचर उपलब्ध कराया था। साथ ही 2015 में मदन मोहन को आदर्श शिक्षक का पुरस्कार भी मिल चुका है।
--------
हर 20 दिन में लिया जाता टेस्ट
बच्चों को अध्यापन के बाद हर 20 दिन में टेस्ट लिया जाता है। इसमें पास होने वाले छात्र-छात्राओं को ज्ञानवर्धन किताब, कॉपी, पेंसिल बॉक्स, कलर बॉक्स आदि देकर उन्हें पुरस्कृत किया जाता है। इससे अन्य बच्चों में अच्छा करने की ललक जगती है। यहां के बच्चे ब्लाक स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में बाजी मार चुके हैं।