टप्पेबाज के पास थी बैंक की नकली मुहर
जागरण संवाददाता, कन्नौज: रिटायर्ड एचसीपी से टप्पेबाजी करने वाले आरोपित के पास बैंक की नक
जागरण संवाददाता, कन्नौज: रिटायर्ड एचसीपी से टप्पेबाजी करने वाले आरोपित के पास बैंक की नकली मुहर भी थी। बैंक के चीफ मैनेजर पंकज श्रीवास्तव ने जब डिपाजिट स्लिप देखी तो पता चला कि उसमें जो मुहर लगी थी, वो बैंक की थी ही नहीं। उन्होंने बताया कि बैंक की मुहर में आइडेंडिटी रहती है। जिस काउंटर पर कैश जमा होगा, संबंधित का नाम भी मुहर में लिखा है। साथ ही सीरियल नंबर लाल अक्षर में लिखे होते हैं। जबकि आरोपित ने जो स्लिप पीड़ित को थमाई थी, उसने अक्षर ब्लैक कलर में लिखे थे और उसमें एमाउंट भी सही तरीके से नहीं लिखा गया था। पीड़ित ने बताया कि सात लाख तीस हजार की तीन गड्डी थी। सभी नोट दो-दो हजार के थे। जो उसी के कहने पर कैशियर ने दिए थे।
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पुलिस ने चलाया तलाशी अभियान
वारदात के बाद एडीशनल एसपी ने टप्पेबाज की फोटो सभी पुलिस कर्मियों को शेयर करने और तलाशी अभियान चलाने के आदेश दिए। पुलिस ने रोडवेज, रेलवे स्टेशन और होटल पर तलाशी ली। मगर यहां उसके बारे में कोई जानकारी हासिल नहीं हो सकी।
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वैन से आया था टप्पेबाज
सीसीटीवी में देखने पर पता चला कि टप्पेबाज कानपुर की तरफ से आने वाली एक वैन से उतरा था। इसके बाद वह बैंक आया। हालांकि जाते समय वह किस वाहन से गया, यह नहीं पता चला।
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टप्पेबाज ने खुद को बताया था बैंक गाड़ी का चालक
रमेश चंद्र ने बताया कि जब आरोपित उन्हें मिला था तो उसने खुद का नाम रमेश चंद श्रीवास्तव निवासी कानपुर बताया था। बोला की वो कानपुर वाले अफसर की गाड़ी क चालक है। इसलिए बैंक में उसे सब जानते हैं। कोई भी काम हो, वो करा देगा।
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बैंक में कब कौन आया
-रिटायर्ड एचसीपी बैंक में 12:12 मिनट पर घुसे
-आरोपित वैन से उतर कर 12:25 मिनट पर घुसा।