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माड्यूलर ऑपरेशन थिएटर में आठ वर्ष से लगा ताला

संवाद सहयोगी, तिर्वा : राजकीय मेडिकल कालेज में करीब आठ करोड़ की लागत से माड्यूलर आपर

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 11:00 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 11:00 PM (IST)
माड्यूलर ऑपरेशन थिएटर में आठ वर्ष से लगा ताला
माड्यूलर ऑपरेशन थिएटर में आठ वर्ष से लगा ताला

संवाद सहयोगी, तिर्वा : राजकीय मेडिकल कालेज में करीब आठ करोड़ की लागत से माड्यूलर आपरेशन थिएटर बना है। इसमें लगे मेडिकल उपकरण उच्च तकनीकि के हैं। सारी सुविधाएं कंप्यूटराइज्ड व आटोमेटिक हैं। इसके बाद भी आठ वर्ष से मेडिकल कालेज चल रहा, लेकिन अभी तक इस ओटी का ताला नहीं खोला जा सका।

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राजकीय मेडिकल कालेज में सुविधाएं तो बहुत हैं, लेकिन मरीजों को नसीब नहीं हो पा रहीं। कहीं ताले लगे हैं तो कहीं पर मेडिकल कालेज प्रशासन की अनदेखी के कारण समस्या बनी हुई है। ओपीडी की शुरुआत 2009 में और शिक्षण कार्य को वर्ष 2012 में मान्यता मिलने के बाद शुरू कर दिया गया था। इमरजेंसी के पास तभी से माड्यूलर आपरेशन थिएटर तैयार है लेकिन ताला नहीं खोला जा सका।

यह हैं आपरेशन थिएटर के हालात

ओपीडी में ड्रे¨सग रूम देखने भर के हैं। ड्रे¨सग को माइनर आपरेशन थिएटर में किया जाता। छोटे-छोटे आपरेशन मेजर आपेरशन थिएटर में होते और मेजर आपेरशन थिएटर के मरीजों को कानपुर के लिए रेफर कर दिया जाता। अभी तक माड्यूलर आपरेशन थिएटर को शुरू करने की नौबत ही नहीं आ सकी। इमरजेंसी में रोजाना पांच से 10 मरीज गंभीर बीमारी व सड़क हादसे में घायल होकर आते हैं। इनको प्राथमिक उपचार के बाद रेफर ही कर दिया जाता है।

माड्यूलर आपेरशन थिएटर की सुविधाएं

पूर्णतया वातानुकूलित है। कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम से मरीजों के आपरेशन होंगे। इसके साथ ही इस आपरेशन थिएटर में वैक्टीरिया फैलने के भी कोई चांस नहीं है। कारण, इसमें विदेशी तकनीकि के चलते टायटेनियम की चारों तरफ से चादर लगी है। इसके साथ ही हाथों को साफ करने से लेकर खिड़की व दरवाजे भी आटोमेटिक खुलते व बंद होते हैं। इनमें कोई बटन या फिर लॉक नहीं लगे है।

आसपास के जिलों में ऐसी सुविधा नहीं

राजकीय मेडिकल कालेज का माड्यूलर आपरेशन थिएटर के जैसा आसपास के जिलों में आपरेशन थिएटर नहीं है। लखनऊ व दिल्ली में ही ऐसे आपरेशन थिएटर है। जहां पर इतनी अच्छी तकनीकि से थिएटर को तैयार किया गया है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

माड्यूलर आपरेशन थिएटर में सेंट्रल एसी का प्रोजेक्ट लगा है। सेंट्रल एसी नहीं चल पा रही। इसके साथ ही डॉक्टरों की भी कमी है। इस ओटी में दीवारों में भी एसी नहीं लग सकती। इस कारण दिक्कतें आ रही हैं। जल्द ही समस्या का समाधान कर ओटी को शुरू कराया जाएगा।

-डॉ. दिलीप ¨सह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, राजकीय मेडिकल कालेज


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