एसआइटी को नहीं मिल रहा 'विनोद' नाम का शिक्षक
-तीन महीने पहले बीएसए के पास आया था पत्र -तिर्वा का लिखा पता जांच में नहीं मिला शिक्षक जागर
-तीन महीने पहले बीएसए के पास आया था पत्र
-तिर्वा का लिखा पता, जांच में नहीं मिला शिक्षक
जागरण संवाददाता, कन्नौज : हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) को विनोद नाम का शिक्षक नहीं मिल पा रहा है। पूरे प्रदेश के सभी जिलों में उसकी जांच करवाई गई, मगर पता नहीं चला। उसके अभिलेखों में तिर्वा का पता लिखा हुआ था। बीएसए ने जांच करवाई तो पता फर्जी निकला, जिसकी रिपोर्ट एसआइटी को भेज दी गई है।
अनामिका शुक्ला के बाद अब एसआइटी किसी विनोद यादव नाम के फर्जी शिक्षक की तलाश कर रही है। चार मई को बीएसए के पास एक पत्र आया था, जिसमें विनोद यादव पुत्र रामभरोसे नाम के शिक्षक के बारे में रिपोर्ट मांगी गई थी। इसमें विनोद का पता ग्राम बिलारेपुरवा कोतवाली तिर्वा लिखा था। बीएसए ने जब उमर्दा ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी अरविंद कुशवाहा से जांच कराई तो उस गांव में इस नाम का कोई शिक्षक नहीं मिला। जिले में विनोद यादव नाम के कई शिक्षक हैं, लेकिन उनके पिता का नाम और पता अलग-अलग हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर बीएसए ने पत्र एसआइटी को भेज दिया। बीएसए केके ओझा ने बताया कि 2005 में बाबा भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से बीएड की डिग्री लेकर नौकरी करने वाले शिक्षकों की जांच के लिए हाईकोर्ट ने एसआइटी का गठन किया है। जिले में ऐसे 23 शिक्षक मिले थे, जिन्हें तत्कालीन बीएसए दीपिका चतुर्वेदी ने बर्खास्त कर दिया था। अब कोई शिक्षक नहीं है और हाल में एसआइटी से कोई पत्र नहीं आया है।
-----------
पूरे प्रदेश में एसआइटी फर्जी शिक्षकों की जांच कर रही है। इसमें जो भी शिक्षक फर्जी निकल रहे हैं, उन्हें बर्खास्त किया जा रहा है। विनोद यादव नाम का शिक्षक फर्जी है, वह किस जिले में नौकरी कर रहा है, इसके बारे में एसआइटी ने सभी जिलों के बीएसए से पूछा था।
-राजेश कुमार शाही, मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) कानपुर