नामों से मेल नहीं खा रहे धान खरीद के पंजीयन
किया तो पंजीयन गोकरन के नाम से निकला जो सही नाम से मेल नहीं खाया। ऐसा ही गंगधरापुर से आए अखिलेश कुमार के साथ हुआ। खसरा-खतौनी और बैंक किया तो पंजीयन गोकरन के नाम से निकला जो सही नाम से मेल नहीं खाया। ऐसा ही गंगधरापुर से आए अखिलेश कुमार के साथ हुआ। खसरा-खतौनी और बैंक किया तो पंजीयन गोकरन के नाम से निकला जो सही नाम से मेल नहीं खाया। ऐसा ही गंगधरापुर से आए अखिलेश कुमार के साथ हुआ। खसरा-खतौनी और बैंक
जागरण संवाददाता, कन्नौज : धान खरीद से लागू हुई पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम यानी पीएफएमएस प्रणाली शुरुआती दौर में मुसीबत बन गई। नई व्यवस्था में अधिकांश किसानों के आनलाइन पंजीयन उनके नाम से मेल नहीं खा रहे हैं। ऐसे में केंद्र प्रभारियों के लिए धान खरीदना और भुगतान करना मुश्किल बन गया है और वापस लौट रहे हैं।
अधार पर अधिकांश किसानों के नाम गलत पड़े हैं, जो बिना संशोधन के पंजीयन करा गए हैं। इधर, खसरा-खतौनी और बैंक खातों में नाम सही है। आनलाइन पंजीयन आधार से हुआ है, जो बैंक खाता और खसरा-खतौनी के नाम से मेल नहीं खा रहे हैं। इस कारण दिक्कत आ रही है। यदि केंद्र प्रभारी खरीद करते है तो पीएफएमएस से नामों में अंतर होने के कारण भुगतान नहीं होगा। मंगलवार को महसइया ठठिया निवासी गोकरनाथ शाखा विपणन केंद्र पर धान बेचने आए। केंद्र प्रभारी प्रेमकुमार ने साइट पर चेक किया तो पंजीयन गोकरन के नाम से निकला, जो सही नाम से मेल नहीं खाया। ऐसा ही गंगधरापुर से आए अखिलेश कुमार के साथ हुआ। खसरा-खतौनी और बैंक खाता में उनका नाम अखिलेश कुमार था जबकि पंजीयन में सिर्फ अखिलेश निकला। इस कारण खरीद नहीं हो सकी। केंद्र प्रभारी प्रेम कुमार ने बताया पंजीयन आधार से हुए हैं। कुछ किसानों के नाम आधार पर गलत पड़े हैं। इस कारण दिक्कत आ रही है। ऐसे में भुगतान में दिक्कत आएगी। उच्च अधिकारियों को जानकारी दी गई है।