बेसहारा मवेशी पकड़ रहे ग्रामीण व किसानों में नोकझोंक
संवाद सूत्र, चपुन्ना : बेसहारा मवेशियों को पकड़कर ग्रामीणों ने गोशाला पहुंचाया तो रात में ि
संवाद सूत्र, चपुन्ना : बेसहारा मवेशियों को पकड़कर ग्रामीणों ने गोशाला पहुंचाया तो रात में किसानों ने मवेशियों को निकाल दिया। इसको लेकर नोकझोंक भी हुई। किसान फसल का नुकसान होने की बात कह रहे हैं। ऐसे में शरीफपुर की गोशाला खाली हो गई है।
मुर्रा के संकुल डेयरी में संचालित अस्थाई गोशाला में मवेशी अधिक होने पर शरीफपुर में इसका निर्माण कराया गया। ग्रामीणों ने यहां 75 मवेशी पहुंचाए। गुरुवार रात को आसपास के खेतों के किसानों ने गेट खोलकर निकाल दिया। जानकारी होने पर जब गांव के लोगों ने विरोध किया तो विवाद हुआ। ऐसे में यह गोशाला खाली पड़ी हुई है। वहीं ग्यासपुर में करीब 400 बेसहारा मवेशी पहुंचाए गए थे। चारा व पानी की कमी के चलते कुछ दिनों में ही वह गोशाला से निकल गए। वर्तमान समय में केवल 13 बेसहारा मवेशी यहां हैं। हालांकि प्रशासन व्यवस्थाएं जुटाने में लगा है। सौरिख ब्लॉक की ओर से इस परिसर में पानी के लिए बो¨रग करवाई जा रही है। मुर्रा में इस समय 155 बेसहारा मवेशी हैं। यहां की क्षमता 100 है। चारा व पानी का इंतजाम ग्राम प्रधान कुछ लोगों के सहयोग से करवा रहे हैं। भूसा, बाजार की कुटी व धान के पुआल डाले जा रहे हैं। संवाद सूत्र, सौरिख के अनुसार ग्राम कांकरकुई की अस्थाई गोशाला की स्थिति बेहद खराब है। यहां पर बेसहारा मवेशी हैं लेकिन चारा आदि का इंतजाम नहीं है। जैसे तैसे पुआल आदि के भरोसे उन्हें रखा जा रहा है। वहीं सड़कों पर घूम रहे मवेशी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। दो दिन के उपचार के बाद भी नहीं बची गोवंश की जान
चपुन्ना : ग्यासपुर गोशाला में टिनशेड नहीं पड़ा है। ऐसे में मवेशी खुले आसमान के नीचे ही विचरण करते हैं। दो दिन पहले एक गोवंश घायल हो गया था। डा. पवन कुमार ने इसका उपचार शुरू किया। इसे बाद भी उसको बचाया नहीं जा सका। शुक्रवार को मौत होने पर जमीन में दफन कर दिया गया।