मेडिकल कॉलेज में व्यवस्थाएं बेपटरी, अल्ट्रासाउंड बंद
थे। जब नंबर आया तो डॉक्टर ही नौकरी छोड़ कर चले गए। 14 दिन बीत गए लेकिन मेडिकल कालेज प्रशासन के पास अभी तक रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर का इंतजाम नहीं हो सका। इससे अल्ट्रासाउंड शुरू नहीं हो पा रहे। सबसे अधिक दर्द प्रसूताओं को हो रहा। कारण मेडिकल कालेज के बाद कुछ अल्ट्रासाउंड की दुकानें है। उन पर भरोसेमंग
संवाद सहयोगी, तिर्वा: राजकीय मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बेपटरी हैं। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। अल्ट्रासाउंड न होने से मरीज भटक रहे।
मंगलवार को राजकीय मेडिकल कालेज के रेडियोलॉजी विभाग में अल्ट्रासाउंड कराने के लिए 13 प्रसूताएं के अलावा कई पेट दर्द के मरीज पहुंचे। कोसों दूर से खाली पेट आने वाले मरीज अपने दर्द का इलाज कराने आए, लेकिन मायूस होकर लौट गए। पूर्व में पंजीकरण 28 मरीजों के जमा सरकारी फीस को वापस किया गया। दो माह से मरीज अपने नंबर आने का इंतजार कर रहे थे। जब नंबर आया तो डॉक्टर ही नौकरी छोड़ कर चले गए। 14 दिन बीत गए लेकिन मेडिकल कालेज प्रशासन के पास अभी तक रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर का इंतजाम नहीं हो सका। इससे अल्ट्रासाउंड शुरू नहीं हो पा रहे। सबसे अधिक दर्द प्रसूताओं को हो रहा। कारण, मेडिकल कालेज के बाद कुछ अल्ट्रासाउंड की दुकानें है। उन पर भरोसेमंद रिपोर्ट न मिलने से विशेषज्ञ डॉक्टर उसको नहीं मान रहे। इसलिए जिला अस्पताल या फिर कानपुर से अल्ट्रासाउंड कराने के लिए भेज रहे हैं।
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रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर छोड़ने की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जा चुकी। कानपुर, लखनऊ व अन्य जिलों से डॉक्टर को बुलाने की कवायद चल रही है। जल्द ही समस्या का समाधान कराया जाएगा।
डॉ. दिलीप सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, राजकीय मेडिकल कालेज
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