जल संचयन में फिसड्डी सरकारी महकमे
जागरण संवाददाता, कन्नौज : प्रदेश सरकार रात-दिन गिरते भू-गर्भ जल स्तर को लेकर ¨चतित हैं। इस
जागरण संवाददाता, कन्नौज : प्रदेश सरकार रात-दिन गिरते भू-गर्भ जल स्तर को लेकर ¨चतित हैं। इसके लिए प्रयास शुरू किए गए लेकिन जिला स्तर पर जल संरक्षण को बढ़ावा नहीं मिलने से दिक्कतें हैं। डार्क जोन वाले क्षेत्रों में प्रतिवर्ष 30 से 60 सेमी तक जलस्तर गिर रहा है। कुछ निजी भवनों को छोड़ दें तो सरकारी भवनों में जल संरक्षण के इंतजाम नहीं हैं। अफसरों की तरफ से जल संरक्षण को लेकर बातें बहुत होती हैं पर हर कोशिश नाकाम है।
कन्नौज के जिला बनने के बाद से जल संचयन को लेकर खूब माहौल बनाने के प्रयास हुए पर बात नहीं बनी। सरकारी भवनों का निर्माण हुआ किंतु रेन वॉटर हार्वे¨स्टग का कोई इंतजाम नहीं हुआ। कलेक्ट्रेट भवन, जिला अस्पताल, विकास भवन, तहसील, पुलिस लाइन समेत बाकी जगह बारिश के पानी को इकट्ठा करने की कोई कोशिश नजर नहीं हुई। ऐसे में हर साल बारिश में पहले की तरफ सिर्फ जल बचाओ की बातें चर्चाओं में रहती हैं। गर्मी में हैंडपंप छोड़ने लगे पानी
जिले में ब्लाक तालग्राम व जलालाबाद डार्क जोन घोषित हो चुके हैं। सदर ब्लाक व गुगरापुर भी आंशिक तौर पर चपेट में आ चुके हैं। मई और जून में भीषण गर्मी की शुरुआत होने पर हैंडपंप भी दम तोड़ने लगे हैं। इससे ग्रामीण इलाकों में पेयजल संकट बढ़ जाता है। ग्रामीणों को पानी के लिए दूर-दूर तक भटकना पड़ता है। गांवों में जागरूकता कार्यक्रम चलते हैं लेकिन जमीनी हकीकत इतर है। अफसर बोले
नए भवनों में वर्षा जल संचयन के इंतजाम किए जा रहे हैं। जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए लोगों व किसानों को समय-समय पर जागरूक किया जाता है। साथ में पानी की बर्बादी रोकने को लेकर सलाह दी गई है।
-रवींद्र कुमार, जिलाधिकारी