'हिंदुस्तान के मुसलमानों को दुनिया में सबसे ज्यादा सुकून'
कन्नौज के मदरसा अलजमिअतूल अहमदिया में आयोजित आलमी कांफ्रेंस के तीसरे व अंतिम दिन ये बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री व मुख्य अतिथि सीएम इब्राहिम ने कही।
कन्नौज (जागरण संवाददाता)। 'सूफी संतों ने मिलकर हिंदुस्तान को पूरी दुनिया में अमन पसंद मुल्क के तौर पर मशहूर किया है। इस देश में रहने वाला प्रत्येक मुसलमान दुनिया के किसी भी देश में रहने वाले मुसलमानों से ज्यादा सुरक्षित है, ज्यादा सुकून में है। गंगा-जमुनी तहजीब को पूरी शिद्दत से मानने वाले हिंदू-मुसलमान एक-दूसरे से ऐसे मिले हैं जैसे दो जिस्म एक जान।' ये बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री व मुख्य अतिथि सीएम इब्राहिम ने कही।
स्थानीय मदरसा अलजमिअतूल अहमदिया में आयोजित आलमी कांफ्रेंस के तीसरे व अंतिम दिन वे देश-विदेश से आए लोगों से मुखातिब थे। रविवार देर रात पुलिस लाइन रोड मदीना ग्राउंड में कांफ्रेंस में आए लोगों को इब्राहिम ने यह भी बताया कि इस्लाम आपसी सामंजस्य व सूफी संतों की शिक्षा से मजबूत हुआ है। अलजमिअतूल अहमदिया के जिम्मेदार मुफ्ती आफाक अहमद मुजद्दीदी ने कहा कि बड़े ओहदों वाली कुर्सी पर बैठने से वह सुकून नहीं मिलता, जो बुजुर्गो के पास हाजिरी लगाने से मिलता है।
यह भी पढ़ें: पाक में मुस्लिम युवक को दी यहूदी बनने की इजाजत
दिल्ली से आए मौलाना गुलाम रसूल ने कहा कि हमारा देश सूफी संतों का है। इसलिए यहां के मुसलमान पूरी दुनिया के मुल्कों से ज्यादा सुकून और चैन से हैं। मौलाना सय्यद नूरानी मियां ने हजरत उमर की जिंदगी पर रोशनी डाली। कहा कि उमर फारूक की तरह न कोई इंसाफ पसंद शासक हुआ है और न होगा। टर्की के डा. शादान ने कहा कि मुसलमानों को हजरत मुजद्दीदी की किताब पढ़ना चाहिए। बांग्लादेश के सय्यद इरशाद बुखारी ने कहा कि गलती करने वाले को माफ करना सबसे बड़ा धर्म है। कल सुबह पांच बजे तक चलने वाली आलमी कांफ्रेंस के समापन से पहले मदरसे के 71 छात्र और छात्राओं को पगड़ी बांध डिग्री दी गई।
यह भी पढ़ें: भारतीय मूल के अमेरिकी उद्योगपति ने मुस्लिमों पर पाबंदी को गलत बताया