लग्न मिली तो आवेदन के चक्कर में फंस गए फेरे
जागरण संवाददाता, कन्नौज : मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में लग्न मिली तो फेरे आवेदन में फं
जागरण संवाददाता, कन्नौज :
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में लग्न मिली तो फेरे आवेदन में फंस गए। पहले विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का इंतजार किया जा रहा था। जिलाधिकारी ने 23 जनवरी और मुख्यमंत्री ने 9 फरवरी को आयोजन के निर्देश दिए तो चिंता का सबब आवेदन बन गए। हैरानी की बात है कि 1394 जोड़ों का विवाह और निकाह किया जाना है लेकिन अभी तक एक भी आवेदन नहीं मिल सका है।
वित्तीय वर्ष में 1500 गरीब बेटियों का विवाह कराने का लक्ष्य मिला था। जून में सिर्फ 20 विवाह ही हो सके। इसके बाद नवंबर तक लग्न नहीं रही। दिसंबर में मुहूर्त निकला तो पूरे जिले में किसी तरह 86 विवाह और करा दिए गए। आंकड़ों पर गौर करें तो कन्नौज को 182, गुगरापुर को 60, तालग्राम को 165, जलालाबाद को 90, छिबरामऊ को 195, सौरिख को 143, उमर्दा को 259 तथा हसेरन ब्लॉक को 106 जोड़ों का लक्ष्य मिला है जबकि नगर पालिका कन्नौज 81, छिबरामऊ 48, गुरसहायंगज 36 नगर पंचायत समधन 30, सिकन्दरपुर 9, तालग्राम 12, सौरिख 12, तिर्वागंज 27 व जिला पंचायत को 45 जोड़ों की ही जिम्मेदारी मिली है लेकिन अभी तक कोई भी आधा लक्ष्य भी पूरा नहीं कर सका है।
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पिछड़ा वर्ग परिवार की तरफ रुझान
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के तहत 20 हजार रुपये लड़की को शादी के बाद मिलते हैं। खाने-पीने और बारातियों के स्वागत पर 5,000 रुपये कमेटी खर्च करती है। लड़की को 10 हजार रुपये का सामान भी मिलता है। वहीं, पिछड़ा वर्ग शादी अनुदान योजना में सरकारी पांडाल का झंझट नहीं है। निजी खर्च पर परिजन बेटी की इच्छानुसार शादी करते हैं और 20 हजार रुपये शादी के बाद लड़की को मिलते हैं। इसलिए लोगों का रुझान इस तरफ ज्यादा है। इस वर्ष 892 लोगों ने शादी से पहले और शादी के बाद 90 दिन के अंतराल में पंजीयन कराया। 415 को लाभ भी मिला।
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23 जनवरी और 9 फरवरी को सामूहिक विवाह होंगे। आवेदन जुटाए जा रहे हैं। सभी बीडीओ, ईओ और संबंधित विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है। गुरुवार को इस संबंध में बैठक होगी।
-संतोष पाठक, जिला समाज कल्याण अधिकारी।