हैंडपंप प्यासे, सूख रहे हलक
संवाद सहयोगी, तिर्वा: गर्मी की शुरुआत होते ही सरकारी हैंडपंपों के हलक सूखने लगे। कहीं
संवाद सहयोगी, तिर्वा: गर्मी की शुरुआत होते ही सरकारी हैंडपंपों के हलक सूखने लगे। कहीं रिबोर के इंतजार में हैंडपंप ठूंठ बने खड़े हैं, तो कहीं पर पूरी तरह से दम तोड़ चुके। विकास खंड हसेरन की 36 ग्राम पंचायतों में 2,885 सरकारी हैंडपंप लगे हैं इसमें 201 सरकारी हैंडपंप खराब हैं। एक माह के बीच 639 हैंडपंपों को दुरुस्त कराया जा चुका है। प्रत्येक गांव में तीन से पांच हैंडपंप खराब पड़े हैं। इससे पेयजल संकट की समस्या बरकरार है। हजारों लोग बूंद-बूंद पानी को दूर तक भटकते हैं। समस्या से जूझ रहे लोगों ने विभागीय अफसरों से शिकायत की लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। यहां पर खराब हैं हैंडपंप
-भजुरिया गांव के बाहर हनुमान मंदिर के पास
-इंदरगढ़-तिर्वा मार्ग से विसनापुर के संपर्क मार्ग
-बहोसी रोड पर पीएनबी बैंक के सामने
-पटेल नगर तिराहा का मवेशी बाजार इस प्रकार करें उपाय
-तहसील व संबंधित विभाग को दें सूचना
-लगातार हैंडपंप से न निकालें पानी
-हैंडपंपों के पास में जमा न होने दें कीचड़
-ग्रामीण हैंडपंपों की देखरेख की समझें जिम्मेदारी हैंडपंप खराबी के कारण
-भूगर्भ का लगातार वाटर लेबल नीचे गिरना
-शासन के नियमानुसार नहीं की जाती बो¨रग
-बो¨रग के पाइपों को बचाने की रहती जुगाड़
-80 से 100 फुट पर रोक दी जाती बो¨रग कैसे होगा सुधार ?
-पानी को बर्बाद न होने दें, करें बचाव
-हैंडपंप को हल्के हाथों से चलाएं
-ठेकेदारों से पूरी कराएं बो¨रग
-बारिश का पानी भी न होने दें खराब