पक्षी विहार पहुंचे विदेशी मेहमान, सुविधाएं नदारद
संवाद सहयोगी, तिर्वा (कन्नौज) : लाख बहोसी पक्षी बिहार में विदेशी मेहमानों का आगमन शुरू हो गय
संवाद सहयोगी, तिर्वा (कन्नौज) : लाख बहोसी पक्षी बिहार में विदेशी मेहमानों का आगमन शुरू हो गया है। ठंड के दौरान प¨रदे यहीं पर ठहरेंगे। फरवरी-मार्च में गर्मी की दस्तक तक अपने वतन के लिए उड़ जाएंगे। हालांकि विदेशी मेहमानों के लिए सुविधाएं नदारद हैं। पानी कम होने से पक्षियों को ठिकाना नहीं मिल पा रहा है।
इंदरगढ़ के हसेरन में राज्य स्तरीय लाख बहोसी पक्षी बिहार है। पक्षी बिहार में दो झील हैं। पहली लाख व दूसरी बहोसी में। बहोसी की झील 250 हेक्टेयर में फैली है जबकि लाख की 125 हेक्टेयर में है। झील में पानी अधिक होने पर दोनों आपस में मिल जाती हैं। इसमें विदेशी पक्षियों को भी काफी आनंद आता है। विदेशी प¨रदे सिर्फ ठंड के मौसम में ही आते हैं। अक्टूबर में सर्दी की शुरुआत होने पर भारत के कई राज्यों समेत विदेश से पक्षी पहुंचने लगते हैं। यहां पर पर्यटकों के ठहरने के लिए गेस्ट हाउस, बच्चों के खेलने के लिए पार्क, जानकारी के लिए ज्ञान-विज्ञान केंद्र व मनोरंजन के लिए नौका विहार की भी सुविधा है। पक्षी होने पर नौका विहार रोक दिया जाता है। दूरबीन के सहारे पक्षियों के कलरव को आसानी से देखा जाता है। पक्षियों को देखने के लिए 20-20 फीट ऊंचे टॉवर भी बने हैं।
बढ़ जाता है शिकार
पक्षियों का आगमन होने पर क्षेत्र के कुछ अराजक तत्व झील में शिकार करना शुरू कर देते हैं। पक्षियों के शिकार पर पूरी तरह से प्रतिबंध है लेकिन प्रशासन की अनदेखी के कारण वह लोग इन पक्षियों को मार देते हैं। मामले को लेकर कुछ ग्रामीणों पर मुकदमे भी दर्ज कराए जा चुके हैं लेकिन शिकारियों का आतंक जस का तस बरकरार है।
पक्षी बिहार में मौजूदा स्टाफ
रेंजर यशवंत ¨सह, वन दारोगा रामबाबू तोमर, वन रक्षक गुलाब ¨सह, ज्ञान चंद्र, नाभिक राजेश वर्मा, चौकीदार राजकुमारी सेंगर स्थायी हैं। अस्थायी तौर पर करन ¨सह, प्रेमनारायण, प्रेमचंद्र बाथम, रामवीर सेंगर, वेदपाल यादव, मलिखान ¨सह की तैनाती है।
यह विदेशी पक्षी आते
मेलार्ड, रेडक्रेस्टेड पोचार्ड, शावलर, वीजन, व्हाइट आइड पोचार्ड, कूट, गैडवाल, पिनटेल, मेलार्ड, पिनटेल, टील, ग्रेलैग, गूज समेत कई प्रजातियों के प्रवासी व अप्रवासी पक्षी आते हैं। इनको भोजन के लिए जल जंजाल, बड़ी काई, कल्मी शाक, काई, खजा मोटी पत्ती, छोटी खजा, मोथा पटेरा व वैलिसनेरिया आदि झील में रखे जाते हैं।
इन देशों से आते पक्षी
साइबेरिया, यूरोप व चीन, आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान, नगालैंड, श्रीलंका, रंगून, बर्मा, बलूचिस्तान समेत अन्य देशों से पक्षियों का आगमन यहां पर हर वर्ष होता है।
''केंद्र सरकार से 10.67 लाख का बजट प्रदेश सरकार को मिल चुका है। अभी तक विभाग के पास धनराशि नहीं आई है। इससे सुविधाएं अधूरी है। बजट मिलने पर पक्षियों की सुरक्षा व सुविधा बढ़ाई जाएगी। - यशवंत ¨सह, रेंजर, लाख बहोसी पक्षी बिहार