सबने जमकर रिश्वत खाई दो रोटी के चक्कर में..
जागरण संवाददाता कन्नौज बांदा की धरती से आए मशहूर शायर जीरो बांदवी जब भ्रष्टाचार पार चो
जागरण संवाददाता, कन्नौज: बांदा की धरती से आए मशहूर शायर जीरो बांदवी जब भ्रष्टाचार पार चोट करते हुए कलाम पेश किया कि चपरासी से अधिकारी तक दूध का धोया कोई नहीं, सबने जमकर रिश्वत खाई दो रोटी के चक्कर में..तो श्रोताओं ने तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया।
शहीद दिवस पर मंडी समिति परिसर में हिदू-मुस्लिम एकता कमेटी की तरफ से आल इंडिया मुशायरा व कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। विवेक कुमार ने सरस्वती वंदना तो अजमल मकनपुरी ने नात ए कलाम पेशकर मुशायरे का आगाज किया। लखनऊ के हसन काजमी ने खूबसूरत हैं आंखें तेरी, रात में जागना छोड़ दे.गजल गाकर मंत्रमुग्ध कर दिया। मुफीद कन्नौजी ने आओ बहार तुम्हें दिखाएं बसंत की.सुनाया तो डॉ. एनडी खान ने सवारी सब्र की कर ले खुदा भी साथ होगा..सुनाकर वाहवाही लूटी। जौहर कानपुरी ने मैं मर भी जाऊं, धरती मां मुझे गोदी में रखती है..तो खबीर फारूकी ने अपनी उलझन समझ न पाए हैं, हर मुसीबत में मुस्कुराए हैं..सुनाकर तालियां बटोरीं। इसके अलावा कानपुर से आईं नाजिया रिफत, डॉ. कलीम नूरी, जयप्रकाश मिश्रा, आफताब आलम, मशकूर ममनून, तिलअत कानपुरी ने एक से बढ़कर एक उम्दा कलाम पेश किए। इस दौरान मनोज शुक्ल, अब्बास अख्तर, हसरुद्दीन, इमरान खां, हनीफ ठेकेदार, ऋषिपाल, अनिल प्रधान, दिलदार खां, जाबिर खां व रामपाल मौजूद थे।