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मेडिकल कालेज में शुरू प्रारंभिक मुख कैंसर का इलाज

संवाद सहयोगी, तिर्वा : प्रारंभिक मुख कैंसर के मरीजों को अब दिल्ली स्थित एम्स व मुंबई के रतन ट

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Jun 2018 05:41 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jun 2018 05:41 PM (IST)
मेडिकल कालेज में शुरू प्रारंभिक मुख कैंसर का इलाज
मेडिकल कालेज में शुरू प्रारंभिक मुख कैंसर का इलाज

संवाद सहयोगी, तिर्वा : प्रारंभिक मुख कैंसर के मरीजों को अब दिल्ली स्थित एम्स व मुंबई के रतन टाटा कैंसर अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मेडिकल कालेज में ओरल सर्जन ने इलाज शुरू कर दिया। बायोप्सी जांच के बाद कैंसर की पुष्टि हुई और मेजर आपरेशन कर कैंसर ग्रसित जबड़ा काटकर पीड़िता को बचा लिया है।

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राजकीय मेडिकल कालेज में आठ दिन पूर्व गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के गड़िया गांव निवासी रश्मि देवी को उनके पति ने मेडिकल भर्ती कराया था। मुख के हालातों को देख ओरल सर्जन डॉ. अनिल यादव ने कैंसर की प्रारंभिक जांच बायोप्सी कराई। इसमें कैंसर की पुष्टि हो गई। ओरल सर्जन ने सर्जरी के डॉ. संजय कुमार व निश्चेतना विभाग के डॉ. आनंद ¨सह के साथ में दो घंटे मेजर आपरेशन किया। निश्चेतना के डॉक्टर ने बेहोशी दी और सर्जरी ओरल सर्जन ने की। उन्होंने कैंसर ग्रसित जबड़ा को मुख से काटकर बाहर निकाल दिया। इससे महिला की ¨जदगी को बचा लिया गया। डॉ. यादव ने बताया कि कैंसर के कारण महिला का मुख बंद हो गया था। महज एक इंच ही मुख खुल रहा था। इससे काफी दिक्कतें थी। आपरेशन के बाद पूरा मुख खुलने लगा और पूरी राहत हो गई है।

कैसे हुआ कैंसर

गुटखा, पान, मसाला व धूम्रपान से मुख कैंसर होता है। पहले मुख में हल्का छाला सफेद होता और कई दिनों तक ठीक न होने से कैंसर की शिकायत हो जाती है। कैंसर के प्रारंभिक दौर में इलाज शुरू कर दिया जाए तो आसानी से जान बच सकती है और मेडिकल कालेज में पूरा इलाज भी होगा।

इलाज में खर्च

राजकीय मेडिकल कालेज में रश्मि की जांचों से लेकर आपरेशन तक महज 2,200 रुपया खर्च हुआ। इसमें बायोप्सी जांच से लेकर सरकारी अन्य जांचें व आपरेशन थिएटर शुल्क भी शामिल है। रश्मि के मुताबिक लखनऊ निजी अस्पताल में दिखाया था। वहां पर 90 हजार का खर्च बता दिया था। आर्थिक हालात ठीक न होने पर मेडिकल कालेज में ही भर्ती हो गई थी। इलाज के बाद पूरी राहत है और खतरा भी टल गया है।

केजीएमयू के बाद तिर्वा में शुरू

अभी तक प्रदेश भर में महज मुख कैंसर का इलाज ¨कग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में ही होता था। कारण, ओरल सर्जन की सरकारी अस्पतालों में कमी है। अधिकांश यह इलाज निजी अस्पतालों में ही होता है। अब मेडिकल कालेज में भी इलाज शुरू कर दिया गया। ओरल सर्जन की तैनाती होने से अब मरीजों को राहत मिलेगी।


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