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कान्हा के रंग में रंगे नजर आए भक्त

जागरण संवाददाताकन्नौज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी दो दिन मनाई जाएगी। अधिकांश भक्तों ने मंगलवार को ही श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया। जबकि साधु-संत व मंदिरों के पुजारी बुधवार को कृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे। शहर का मुख्य बाजार हो फिर मोहल्लों का बाजार सभी कान्हा के रंग में रंगे नजर आए। कान्हा की झांकी सजाने के लिए भक्तों ने मनमोहक प्रतिमाओं पालने व वस्त्रों की खरीदारी की। इसके लिए बाजार में लोगों की खासी भीड़ भी रही। मंगलवार को विभिन्न बाजार में लड्डू गोपाल और राधा कृष्ण की प्रतिमाओं की दुकानें सजी थीं। मेवे के स्टाल और घरों में झांकियां सजाने की सामग्री भी खूब बिकी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 11:17 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 06:06 AM (IST)
कान्हा के रंग में रंगे नजर आए भक्त
कान्हा के रंग में रंगे नजर आए भक्त

जागरण संवाददाता,कन्नौज : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी दो दिन मनाई जाएगी। अधिकांश भक्तों ने मंगलवार को ही श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया। जबकि साधु-संत व मंदिरों के पुजारी बुधवार को कृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे। शहर का मुख्य बाजार हो फिर मोहल्लों का बाजार, सभी कान्हा के रंग में रंगे नजर आए। कान्हा की झांकी सजाने के लिए भक्तों ने मनमोहक प्रतिमाओं, पालने व वस्त्रों की खरीदारी की। इसके लिए बाजार में लोगों की खासी भीड़ भी रही।

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मंगलवार को विभिन्न बाजार में लड्डू गोपाल और राधा कृष्ण की प्रतिमाओं की दुकानें सजी थीं। मेवे के स्टाल और घरों में झांकियां सजाने की सामग्री भी खूब बिकी। घरों में लड्डू गोपाल को झुलाने के लिए रेडीमेड पालने की स्टालें लगी थीं।भी बाजार में खूब लगे थे। जिसकी जमकर खरीदारी हुई। इसके अलावा झांकी सजाने के लिए कॉपी-किताब की दुकानों पर चमचमाती पन्नियां भी खूब बिकीं। आम दिनों की अपेक्षा पांच रुपये में बिकने वाला खीरा 20 से 35 रुपये तक बिका। ---------------

खूब बिके कान्हा वस्त्र:

प्रत्येक घर में बच्चों को कान्हा और राधा का वेष धारण कराने की गंभीरता दिखी। इसके लिए दुकानों में कान्हा ड्रेस, पालकी, झूले, सिंहासन, मुकुट, मोरपंख, माला, बांसुरी और कुंडल की जमकर बिक्री हुई। दूसरी ओर कान्हा की पीतल व व्हाइट मेटल मूर्तियां भी खूब बिकीं। --------------------------------

देसी सजावट सामग्री का रहा बोलबाला:

बाल गोपाल के लिए लाल, हरे, पीले, नीले रंगों में गोटे से सजी पोशाकें, इसके साथ पालना में बैठे श्रीकृष्ण भगवान, माखन खाते कान्हा की प्रतिमा भी खूब बिकीं। मोतियों की सजावट वाली बांसुरी, मुकुट, मोतियों की रंग-बिरंगी माला, बाजूबंद तो बिके ही। इस बार भगवान का दरबार सजाने के लिए कागज और कृत्रिम फूलों की लड़ियां भी लोगों की पहली पसंद रहीं। लड्डू गोपाल और माखन खाते कान्हा की प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी प्रतिमाएं मन मोह रही थीं। ------------------------

51 रुपये में बिका बेल सहित खीरा

संवाद सहयोगी, छिबरामऊ: कोरोना संक्रमण का प्रभाव इस समय सभी त्योहार पर हो रहा है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर लोग फल व मेवा आदि लेने के लिए घरों से निकले। लोगों ने सेवा, केला, नासपाती, अनार व केला आदि की खरीदारी की। खीरा की तो विशेष मांग रही। ऐसे में दो-तीन रुपये में बिकने वाला खीरा 51 रुपये तक पहुंचा। नगर पालिका तिराहा ठेली लगाकर खीरा की बिक्री कर रहे सुधीर ने बताया कि पिछले वर्ष 101 रुपये तक खीरे के भाव पहुंच गए थे। इस बार 51 रुपये में बिक्री किया जा रहा है। -----

झांकी सजाने को सामग्री खरीदने निकले लोग:

कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर उत्साहित महिलाएं व युवतियां खरीदारी को बाजार पहुंची। दुकानें कम ही लगी थीं। ऐसे में सजावट की सामग्री की दुकानों पर अधिक भीड़ रही। लोगों को शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए प्रेरित किया गया। कुछ दुकानदारों ने मास्क लगा तो कई बिना मास्क के ही बैठे थे। इस बीच कैमरा चला तो हाथ से मुंह को छुपाने लगे। लोगों ने प्लास्टिक व कागजों से तैयार झालरों को खरीदा। इसके अलावा गुब्बारे व जन्मदिन की शुभकामनाएं लिखे संदेश भी खरीदे गए।


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